5 Dariya News

कबड्डी विश्व कप में ईरान, कोरिया के रेडर बड़ा खतरा

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07-Sep-2016

भारतीय कबड्डी के लिए 2016 सर्वोत्तम वर्ष साबित हुआ है। इस वर्ष भारतीय कबड्डी प्रेमियों को दो-दो बार प्रो कबड्डी लीग का लुत्फ उठाने का मौका मिला और पिछले सभी संस्करणों की अपेक्षा इस बार बड़ी संख्या में दर्शकों ने लीग का आनंद उठाया। अब अक्टूबर में होने वाला कबड्डी विश्व कप-2016 लीग को नई रूपरेखा प्रदान करने में मददगार होगा। स्टार स्पोर्ट्स के सहयोग से कबड्डी आज देश में प्रमुख खेलों में अपनी जगह बना चुका है और कबड्डी खिलाड़ी अब किसी परिचय का मोहताज नहीं रह गए।देश के कबड्डी प्रेमियों के लिए यह वर्ष खास है, क्योंकि अगले महीने हम कबड्डी विश्व कप की मेजबानी करने जा रहे हैं और कबड्डी के इस सबसे बड़े दंगल में भी स्टार स्पोर्ट्स बेहद अहम भूमिका निभा रहा है।गुजरात के अहमदाबाद में अगले महीने कबड्डी विश्व कप-2016 का आयोजन हो रहा है और इसमें हिस्सा लेने वाले सभी 12 देशों के खिलाड़ी तैयारियों में जुट चुके हैं।

निश्चित तौर पर देशवासी इस बार भी हमें खिताब जीतते देखना चाहेंगे, लेकिन इस बार यह थोड़ा चुनौतीपूर्ण होने वाला है, क्योंकि प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) में खेल चुके ईरान, दक्षिण कोरिया और बांग्लादेश के रेडर बड़ा खतरा साबित होने वाले हैं।कबड्डी जगत में अब तक भारत का दबदबा रहा है, लेकिन अब चीजें बदलने वाली हैं। पीकेएल में हिस्सा लेने वाले विदेशी खिलाड़ी न सिर्फ भारतीय खेल की शैली से परिचित हो चुके हैं, बल्कि यहां के वातावरण में भी ढल चुके हैं।प्रो कबड्डी लीग में अपने लाजवाब खेल से स्टार बनकर उभरे भारतीय खिलाड़ियों की क्षमता का असली परीक्षण अब इस विश्व कप में होगा।भारतीय टीम के सामने सबसे बड़ी चुनौती ईरान के रेडर मिराज शेख, कोरियाई टीम के जांग कुन ली और केन्या के सिमोन किबुरा तथा डेविड मोसायाबी होंगे, क्योंकि उनके पास पीकेएल में खेलने का अनुभव है।मिराज शेख अपने शानदार खेल से अकेले दम पर मुकाबला जिताने की क्षमता रखते हैं। 

उनके साथ मोहम्मद और अबुलफजल जैसे खिलाड़ियों का साथ होना भारत के लिए इस टूर्नामेंट में बड़ा खतरा साबित हो सकता है।कुन ली के खिलाफ मैंने कई मुकाबले खेले हैं और उन्हें पकड़ना काफी मुश्किल रहा है। केन्या के सिमोन किबुरा और डेविड मोसायाबी पर भी मैं दावा कर सकता हूं। दोनों पुनेरी पल्टन में मेरे साथी खिलाड़ी रहे। वे हमारे खेल को भी काफी अच्छी तरह समझते हैं। इसलिए कबड्डी विश्व कप में भारतीय टीम को इस बार नई रणनीति के साथ उतरना होगा।मैंने उपमहाद्वीप के कई खिलाड़ियों के खिलाफ खेला है और मुझे इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा, अगर पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसी टीमें विश्व कप के नॉकआउट दौर में पहुंचती हैं। भारतीय टीम के खिलाड़ियों के लिए इस टूर्नामेंट में सबसे बड़ी चुनौती होगी पोलैंड, अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया जैसी टीमों के अनजान रेडरों से भिड़ना।

(मंजीत चिल्लर एशियाई चैम्पियन भारतीय कबड्डी खिलाड़ी हैं। ये उनके अपने विचार हैं।)