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उत्तर प्रदेश में बसपा सरकार लाएगी 'अच्छे दिन' : मायावती

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इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) 04-Sep-2016

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती रविवार को संगम नगरी के परेड ग्राउंड में हुई रैली में सूबे की अखिलेश सरकार, कांग्रेस पार्टी और भाजपा के साथ-साथ केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर बरसीं। उन्होंने कहा कि अगले साल बसपा की सरकार बनी तो उत्तर प्रदेश में अच्छे दिन आएंगे।ग्राउंड की भीड़ देख गदगद मायावती ने प्रसन्न मुद्रा में कहा कि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद उप्र में बसपा की सरकार बनने से अब कोई रोक नहीं सकता। प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी ने अच्छे दिन लाने का वादा किया था, इसके बाद मायावती ने यह वादा किया है। उन्होंने प्रदेश की लचर व बिगड़ी कानून-व्यवस्था को सुधारने का भी वादा किया। माया ने प्रदेश के लोगों को सांप्रदायिक ताकतों के 'चुनावी खेल' से बचने की सलाह देते हुए कहा कि वे अपने वोट की ताकत को समझें और अच्छे दिन लाने के लिए बसपा को ही वोट करें।'सर्वजन हिताया सर्वजन सुखाय' रैली में बसपा अध्यक्ष ने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा। अपने एक घंटे के भाषण में उन्होंने कई बार मोदी का जिक्र किया और कहा कि भाजपा अपने हर चुनावी वादों पर फेल है। मोदी ने चुनाव में जितने भी वादे किए, उसे पूरा नहीं किया।

मायावती ने कहा कि भाजपा सांप्रदायिक पार्टी है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य आपराधिक छवि के व्यक्ति हैं। यह पार्टी गौरक्षा व लव जेहाद के नाम पर दलितों व मुस्लिमों का उत्पीड़न कर रही है, लेकिन लोगों की आंख में धूल झोंकने के लिए गांधी और अंबेडकर का नाम भी जप रही है। उन्होंने कहा, "चुनाव प्रचार के दौरान मोदी ने वादा किया था कि उत्तर प्रदेश में आवासहीन लोगों को पक्का मकान देंगे। गरीबी, महंगाई कम होगी, प्रदेश में 24 घंटे बिजली मिलेगी, बेरोजगारी कम होगा। नवयुवकों को रोजगार मिलेगा, लेकिन करीब ढाई साल बीत जाने के बाद भी इनका एक भी वादा पूरा नहीं हुआ।" मायावती ने कहा, "आज कर्ज में डूबा किसान आत्महत्या कर रहा है। महंगाई चरम सीमा पर है। किसी को मकान नहीं मिला। चुनावी वादों में मोदी ने कहा था कि विदेशों से काला धन वापस लाएंगे और हर व्यक्ति के खाते में 15 से 20 लाख रुपया जमा कराएंगे। आज तक किसी भी देशवासी के खाते में एक भी रुपया नहीं आया। यह लफ्फाजी नहीं तो और क्या है!"

बसपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा सरकार केवल पूंजिपतियों और उद्योगपतियों के लिए काम कर रही है। उन्हीं की भलाई के लिए कानून बना रही है। मोदी सरकार ने उद्योगपतियों का 1 लाख 14 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया है। स्मार्ट सिटी, बुलेट ट्रेन की बात जो की जा रही है, सभी बड़े लोगों के लिए है। जबकि इन्हीं पैसों से गरीबों के लिए कई योजनाएं चलाई जा सकती थीं। गरीब बहुत परेशान हैं, नए कानून से वे और परेशान होंगे।मायावती ने कहा कि भाजपा सरकार सोची-समझी रणनीति के तहत सरकारी कंपनियों को प्राइवेट सेक्टर में बदल रही है, ताकि नौकरियों में आरक्षण खत्म किया जा सके।उन्होंने कहा, "कांग्रेस के शासनकाल में कुछ लोगों ने कोर्ट-कचहरी का सहारा लेकर प्रमोशन में आरक्षण खत्म करवा दिया। हमने संघर्ष किया तो संविधान संशोधन हुआ। यह विधेयक राज्यसभा में तो पास हुआ, लेकिन लोकसभा में अटक गया। इससे भाजपा की दलित विरोधी मानसिकता साफ नजर आती है।" 

मायावती ने कहा कि भाजपा शासन में आरक्षण का कोटा अधूरा है। प्राइवेट सेक्टर में अभी तक आरक्षण की व्यवस्था नहीं है। बड़े-बड़े काम प्राइवेट सेक्टर को दिए जा रहे हैं, इससे आरक्षण नहीं के बराबर रह गया है। भाजपा दलित-आदिवासी व पिछड़ा वर्ग विरोधी है। बसपा अध्यक्ष ने कहा कि सपा और भाजपा अंदर से मिली हुई हैं। सपा सरकार में कोई सुरक्षित नहीं है। पूरे प्रदेश में आरजकता व गुंडाराज फैला हुआ है। हर दिन किसी न किसी जगह एक महिला की इज्जत लूटी जा रही है।कांग्रेस पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस आरक्षण देने का ढोंग कर रही है। शीला दीक्षित ने उप्र और बिहार के लोगों का अपमान किया है। कांग्रेस को प्रदेश में कोई चेहरा नहीं मिल रहा है तो दिल्ली से बुजुर्ग महिला को लाने के लिए मजबूर हो गई।मायावती ने कहा कि पैसे के बल पर गलत सर्वे कराकर मीडिया में बसपा को विधानसभा चुनाव के रुझान में पीछे दिखाया जा रहा है।टिकट बेचने के आरोपों पर आगरा और आजमगढ़ की रैली की तरह अपनी बात दोहराते हुए मायावती ने कहा, "एक तरफ विपक्ष बसपा में भगदड़ का आरोप लगा रही है, तो दूसरी तरफ टिकट बेचने का। ऐसे में मेरा कहना है कि यदि पार्टी में भगदड़ मची है तो ऐसे में टिकट के खरीदार कहां होंगे। उनके इस बयान से ही स्पष्ट हो रहा है कि सच्चाई क्या है।"बसपा प्रमुख ने कहा, "हमारी सरकार बनने पर जंगलराज को खत्म किया जाएगा। भ्रष्टाचार खत्म करेंगे। अपराधिक तत्वों को जेल भेजा जाएगा। सपा सरकार में उत्पीड़ित लोगों की एफआरआर दर्ज करवाकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्हें बचाने वाले पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पट्टे की जमीन पर कब्जाधारी लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी और भर्तियों की जांच होगी।"