5 Dariya News

देश की नयी शिक्षा नीति मानक शिक्षा पर केंद्रित होगी -प्रकाश जावेड़कर

देश को अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दर्जेबंदी के शिखर पर ले जाने के लिए प्राईवेट संस्थायों को आगे बढऩे के बराबर मौके प्रदान किये जाने की ज़रूरत पर ज़ोर

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नई दिल्ली 04-Sep-2016

केंदरी मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने कहा कि देश की नयी शिक्षा नीति पूरी तरह मानक विद्या पर केंद्रित होगी। उनहोने कहा कि भारत की प्रसिद्ध शिक्षा संस्थायों के प्रबंधकों के साथ मीटिंग के दौरान मानक शिक्षा के मापदण्डों पर पूरी उतरने वाली संस्थायों को उत्साहित करने के लिए अधिक  खुदमुखतारी देने का हुंगारा दिया और देश को विश्व में शिक्षा के मानक केंद्र के तौर पर विकसित करने के लिए प्रसिद्ध शैक्षिक संस्थायों को ख़ुद प्रयास करने का न्योता दिया। देश की प्रमुख शैक्षिक संस्थायों का प्रतिनिधित्व कर रही जत्थेबंदी 'एजुकेशन प्रोमोशन सोसायटी फार इंडिया (ई. पी. एस. आई.) का नेतृत्व नीचे नयी दिल्ली में हुई इस अहम मीटिंग में वी.आई.टी. यूनिवर्सिटी विलोर के चांसलर डॉ. जी. विश्वनाथन, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी घड़ूंआं के चांसलर स. सतनाम सिंह संधू, थापर यूनिवर्सिटी के चेयरमैन श्री राजीव वडेरा, बिरला इंस्टिट्यूटस के डायरै1टर डॉ. एच. चतुर्वेदी, मानव रचना यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. प्रशांत भल्ला, महाराष्ट्रा इंस्टीट्यूट ऑफ टै1नोलॉजी पुणे के सचिव डॉ. मंगेश टी. करात के इलावा मनीपाल यूनिवर्सिटी, एम. एस. रमईआ यूनिवर्सिटी, डी.एम.आई.एम. यूनिवर्सिटी नागपुर आदि देश की प्रमुख यूनिवर्सिटियों के प्रबंधकों ने शिरकत की।

एजुकेशन प्रोमोशन सोसायटी ऑफ इंडिया (नॉर्थ वेस्ट) के चेयरमैन स. सतनाम सिंह संधू ने बताया कि वफद ने इस मौके देश की शिक्षा नीति के बारे में विशेष विचार चरचा के इलावा ऑल इंडिया कौंसिल फॉर टै1निकल एजुकेशन नयी दिल्ली की तरफ से पुरानी स्थापित तकनीकी शिक्षा संस्थायों पर नये नियम लागू करने का मामला भी केंद्रीय मंत्री के साथ विचारा गया। जावेड़कर ने भरोसा दिलाया कि वह इस मामले की समीक्षा करेंगे। उनहोने इस मौके ई.पी.एस.आई. की तरफ से विदेशी विद्यार्थियों को आकर्षित करने के लिए बनाऐ गए वैब पोर्टल 'स्टडी इन इंडियाÓ के प्रयासों की श्लाघा करते हुए कहा कि सरकार विदेशी विद्यार्थियों को उत्साहित करने के लिए उक्त संस्थायों को पूरा सहयोग देगी।एजुकेशन प्रोमोशन सोसायटी के नेताओं ने प्राईवेट और सरकारी अदारों में भेदभाव वाली नीति ख़त्म करने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कहा कि अमरीका मानक शिक्षा के क्षेत्र में पूरे विश्व का नेतृत्व कर रहा है। इस में वहाँ की प्राईवेट यूनिवर्सिटियों का योगदान सबसे प्रमुख रहा है। उनहोने कहा कि अब समय आ गया है कि देश को अंतरराष्ट्रीय दर्जेबंदी के शिखर पर ले जाने के लिए प्राईवेट यूनिवर्सिटियाँ को भी आगे बढऩे के बराबर मौके प्रदान किए जाएँ और विद्या के अंतरराष्ट्रीय पर पूरा उ8ारने वाली संस्थायों को और अधिक  उत्साहित किया जाए। उनहोने कहा कि भारतीय शैक्षिक अदारे अंतरराष्ट्रीय संस्थायों की तुलना में बहुत किफ़ायती दरों पर मानक शिक्षा प्रदान कर रही हैं। उनहोने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से नई शिक्षा नीति को मानक शिक्षा पर केंद्रित किए जाने के साथ भारत में उच्च शिक्षा को नया हुलारा मिलेगा और भारतीय विद्यार्थियों के लिए विश्व-व्यापक शिक्षा और रोजग़ार के नये रास्ते खुलेंगे। उनहोने मीटिंग के  दौरान उक्त संस्थायों को उत्साहित करने के लिए अधिक  खुदमुखतारी देने के केंद्रीय मंत्री के भरोसे की सराहना करते हुए कहा कि सरकार की ऐसी प्रगतिशील सोच की वजह से ही उच्च शिक्षा के साथ जुड़े प्रबंधकों और शिक्षा शास्त्रियों का नज़रिया बदला है और सरकार के नीतिगत फ़ैसलों को साकारातमक  बदलावों के तौर पर देखा जा रहा है।