5 Dariya News

महाराष्ट्र : विरोध के साथ मना दही-हांडी, न्यायालय के आदेश की अनदेखी

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मुंबई 25-Aug-2016

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दही हांडी की ऊंचाई पर कुछ प्रतिबंध के बावजूद मुंबई, ठाणे और नवी मुंबई के कई संगठनों ने कृष्ण जन्माष्टमी पर काले फीते और काले झंडे के साथ विरोध जताते हुए दही-हांडी का आयोजन किया। दही-हांडी का आयोजन करने वाले पंद्रह सौ से अधिक समूहों में से राजनीतिक समर्थन वाले कई संगठनों ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन किया। अदालत ने भगवान कृष्ण के जन्मदिवस पर दही-हांडी के लिए अधिकतम ऊंचाई 20 फीट या चार स्तरीय मानव मीनार बनाने की सीमा तय की थी। न्यायालय ने यह भी व्यवस्था दी थी कि नाबालिगों को गोविंदा के रूप में मानव मीनार के शीर्ष पर चढ़ने से अलग रखा जाएगा जो भगवान कृष्ण के रूप में दही, दूध और खाने की अन्य चीजों से भरी हांडी को फोड़ते हैं।

दादर में एक संगठन ने धरती पर क्षतिज मीनार बनाई और उसके बाद 30 फीट से अधिक ऊंचाई पर हांडी फोड़ी लेकिन गोविंदा उसे तोड़ने के लिए एक सीढ़ी पर चढ़ा था।कुछ संगठनों के गोविंदा सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का विरोध जताने के लिए काले कपड़े और बांह पर काली पट्टी पहने देखे गए। शीर्ष गोविंदा ने हांडी फोड़ने के बाद एक काला झंडा लहराया। ठाणे में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के समर्थन वाले एक संगठन ने 49 फीट की ऊंचाई पर दही हांडी रखा है। इसे एक नया विश्व रिकार्ड बनाने के लिए रखा गया। मनसे कार्यकर्ता और इसके प्रमुख आयोजकों में से एक अविनाश जाधव ने मीडियाकर्मियों से कहा कि वह जेल जाने के लिए तैयार हैं, लेकिन वह आदेश तो केवल अपने नेता राज ठाकरे का ही मानेंगे। 

मुंबई पुलिस के प्रवक्ता डीसीपी अशोक दुधे ने कहा कि पुलिस ने पूरे शहर में मनाए जा रहे उत्सवों की तस्वीरें ली हैं और वीडियो बनाए हैं। पुलिस ने किसी आयोजन में हस्तक्षेप नहीं किया। लेकिन, दुधे ने चेतावनी देते हुए कहा, वे सभी जो सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ उल्लंघन के स्वरूप के हिसाब से कार्रवाई की जाएगी।कुछ अन्य संगठनों ने भी चार मंजिल या 20 फीट से अधिक ऊंची मानव मीनार बनाई और नाबालिग बच्चों को दही-हांडी तोड़ने के लिए तैनात किया। बुधवार को न्यायमूर्ति उदय यू. ललित और एल. नागेश्वर राव की सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने बंबई उच्च न्यायालय के दही-हांडी की ऊंचाई और 18 साल से कम उम्र के किशारों के इसमें भाग लेने पर रोक संबंधी पहले दिए गए फैसले को बरकरार रखा था।सामाजिक कार्यकर्ता स्वाति एस. पाटील की संस्था उत्कर्ष महिला सामाजिक संस्था ने दही-हांडी के लिए मानव मीनार बनाने के दौरान गिरने से सैकड़ों गोविंदाओं के घायल होने और कुछ के मरने का उल्लेख करते हुए जनहित याचिका दायर की थी। बंबई उच्च न्यायालय ने 11 अप्रैल 2014 को इसकी ऊंचाई की सीमा तय करते हुए इस संदर्भ में व्यवस्था दी थी।