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रियो ओलम्पिक : हॉकी, निशानेबाजी में भी हाथ लगी निराशा, पहले पदक का इंतजार

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रियो डी जेनेरियो 08-Aug-2016

भारत के पदक से प्रबल उम्मीदवार निशानेबाज अभिनव बिंद्रा के पदक चूकने और भारतीय पुरुष हॉकी टीम को आखिरी के तीन सेकेंड में जर्मनी के हाथों मिली हार ने रियो ओलम्पिक-2016 के तीसरे दिन भी भारतीय खेल प्रेमियों को निराश किया और भारत का रियो में पहले पदक का इंतजार और बढ़ गया। महिलाओं की व्यक्तिगत तीरंदाजी स्पर्धा में भी लक्ष्मीरानी माझी के रूप में निराशा हाथ लगी। वह राउंड ऑफ 32 इलिमिनेशन में हारकर बाहर हुईं।भारत के लिए ओलम्पिक में एकमात्र व्यक्तिगत स्वर्ण जीतने वाले बिंद्रा पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा के फाइनल में चौथा स्थान हासिल कर सके और करियर का समापन करने से पहले इतिहास बनाने से चूक गए।

बिंद्रा के अलावा निशानेबाजी में ही पुरुषों की ट्रैप स्पर्धा के क्वालिफिकेशन के दूसरे दिन मानवजीत सिंह संधु और किनान चेनाई का प्रदर्शन भी हताश करने वाला रहा।संधू और चेनाई क्रमश: 16वां और 19वां स्थान हासिल कर सके।भारतीय पुरुष हॉकी टीम के रूप में भारत को बड़ा झटका लगा, जब आखिरी मिनट से पहले 1-1 से बराबरी पर चल रही भारतीय टीम जर्मनी के हाथों 2-1 से हार गई।तैराकी में भी भारत के सजन प्रकाश और शिवानी कटारिया क्रमश: पुरुषों की 200 मीटर बटरफ्लाई और महिलाओं की 200 मीटर फ्रीस्टाइल स्पर्धाओं में बेहद खराब प्रदर्शन करते हुए पहले दौर से ही बाहर हो गए।

सोमवार को ओलम्पिक शूटिग सेंटर में हुए फाइनल में बिंद्रा ने 163.8 अंकों के साथ चौथा स्थान हासिल किया। वह एक समय दूसरे और तीसरे स्थान पर चल रहे थे लेकिन आखिरी कोशिशों में उनका प्रदर्शन लगातार गिरता गया और वह पदक की दौड़ से बाहर हो गए।फाइनल में बिंद्रा ने अच्छी शुरुआत की। शुरुआती चरण में वह पीछे रहे लेकिन मध्य के चरण में दूसरे स्थान पर आ पहुंचे। इसके बाद वह तीसरे और चौथे स्थान के बीच झूलते रहे। इसी क्रम में दूसरे खिलाड़ी उनसे अधिक अंक जुटाते चले गए और बिंद्रा के हाथ से पदक का मौका निकल गया।मैचे के बाद बिंद्रा ने आईएएनएस से कहा, "मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, लेकिन पदक मेरा नहीं था। यह मुश्किल मुकाबला था और किसी को चौथे स्थान पर आना था, वो मैं रहा।"

बिंद्रा ने कहा, "खैर, मेरे खयाल से खेल में यह होता रहता है। मैंने अपना पूरा दिया। यह एक अच्छा दिन रहा, कठिन दिन भी। अगर मैं पदक हासिल कर सकता तो और अच्छा हो सकता था।"लंदन में कांस्य जीतने वाले गगन नारंग भी इस स्पर्धा में चुनौती पेश की थी लेकिन वह क्वालीफिकेशन दौर से बाहर हो गए थे।सोमवार को ही पुरुषों की ट्रैप स्पर्धा में भारत के मानवजीत सिंह संधु और किनान चेनाई दूसरे दौर के क्वालिफिकेशन में क्रमश: 16वां और 19वां स्थान हासिल कर सके और सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर हो गए।करियर का चौथा ओलम्पिक खेल रहे संधु कुल 115 अंक हासिल कर सके, जबकि चेनाई 114 अंक अपने खाते में डाल सके।

उधर हॉकी में मौजूदा चैम्पियन जर्मनी ने खेल खत्म होने से तीन सेकेंड पहले किए गए गोल की मदद से भारतीय टीम को पूल-बी के मैच में सोमवार को 2-1 से हरा दिया।ओलम्पिक हॉकी सेंटर में खेले गए मैच में जर्मनी के क्रिस्टोफर रूहर ने अपनी टीम के लिए विजयी गोल किया।जर्मनी की ओर से निकलास वेलेन ने 18वें मिनट में एक बेहतरीन फील्ड गोल किया और भारत की तरफ से 23वें मिनट में रुपिंदर पाल सिंह ने पेनाल्टी कार्नर पर गोल करते हुए स्कोर बराबर कर लिया।ओलम्पिक में भारत की जर्मनी के खिलाफ यह चौथी हार है। भारत को अपने तीसरे पूल मैच में मंगलावर को अर्जेटीना से भिड़ना है।

तीरंदाजी में सोमवार का दिन भारत के लिए निराश करने वाला रहा। भारतीय महिला तीरंदाज लक्ष्मीरानी माझी व्यक्तिगत स्पर्धा में हारकर रियो ओलम्पिक से बाहर हो गई हैं। लक्ष्मी को राउंड-32 एलिमिनेटर मुकाबले में स्लोवाकिया की एलेक्जेंड्रा लोंगोवा ने 108-101 से हराया।लक्ष्मी, दीपिका कुमारी और बोम्बेला देवी वाली भारतीय टीम पहले ही टीम स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल में रूस के हाथों बाहर हो चुकी है। दीपिका और बोम्बेला देवी व्यक्तिगत स्पर्धाओं में भारत के लिए अगली उम्मीद हैं।