5 Dariya News

चीन तिब्बती पहचान को खतरा मानता है : दलाई लामा

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लेह 08-Aug-2016

तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा है कि कट्टरपंथी चीनी अधिकारी तिब्बती पहचान को एक खतरे के रूप में देखते हैं और उसे नष्ट करने का प्रयास करते रहे हैं। दलाई लामा के हवाले से एक आधिकारिक पोस्ट में सोमवार को कहा गया है, "जिस प्रकार चीनी लोगों की अपनी प्राचीन सांस्कृतिक विरासत है, जिस पर उन्हें गर्व है, उसी प्रकार तिब्बतियों को भी तिब्बती होने पर गर्व है और वे भी अपनी संपन्न विरासत और पहचान बचाने की कोशिश करते हैं।" दलाई लामा रविवार को चोगमसार गांव में 5,000 से भी ज्यादा तिब्बतियों को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से कुछ कट्टरपंथी चीनी अधिकारी तिब्बत को चीन से अलग करने में तिब्बती संस्कृति को एक खतरे के रूप में देखते हैं।

उन्होंने कहा, "इसलिए वे हमारी तिब्बती संस्कृति और भाषा को खत्म करने की कोशिश करते रहे हैं। तिब्बतियों को स्कूलों में चीनी (भाषा) सीखने के लिए विवश किया जाता है। तिब्बत में चीनी के ज्ञान के बिना तिब्बतियों को अच्छी नौकरियां नहीं मिलतीं।"दलाई लामा ने भारत सरकार के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा, "नेहरू के समय से भारत सरकार तिब्बतियों के प्रति बेहद दयालु और मददगार रही है।"उन्होंने कहा कि तिब्बतियों को तिब्बत के भीतर कोई आजादी नहीं है। वहां तिब्बती संस्कृति और धर्म खतरे में हैं।दलाई लामा ने कहा, "हालांकि यहां भारत में तिब्बती और साथ ही हिमालयी क्षेत्र के लोगों को हमारी बौद्ध परंपराएं और उससे संबंधित संस्कृति के संरक्षण की आजादी और अवसर प्राप्त है।"