5 Dariya News

पोप फ्रांसिस का युवाओं को संदेश, आरामतलबी छोड़कर दुनिया को बेहतर बनाएं

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वारसा (पोलैंड) 01-Aug-2016

पोप फ्रांसिस ने पोलैंड के क्राकोव में शनिवार को युवाओं का आह्वान किया कि वे पूरा दिन सोफे पर बैठकर आराम फरमाने के बजाय उठकर कुछ करें और एक बेहतर दुनिया का निर्माण करने की ओर कदम बढ़ाएं। 31वें विश्व युवा दिवस के अवसर पर क्राकोव में विशेष प्रार्थना सभा में करीब 16 लाख युवा शामिल हुए। यहीं पर पोप ने नौजवानों को अपना संदेश दिया। एफे न्यूज ने की रिपोर्ट के मुताबिक, अलेप्पो की रहने वाली एक सीरियाई शरणार्थी लड़की ने युद्ध क्षेत्र में रहने के अपने अनुभव को रोते हुए बताया।उसकी दिल को हिला देने वाली बातों पर पोप ने कहा कि ऐसी कहानी शायद कुछ लोगों को दूर की कहानी मालूम पड़ती है और केवल कंप्यूटर या सेलफोन पर इन्हें पढ़ने से ये घटनाएं वास्तविक नहीं लगती हैं। 

पोप ने कहा, "लेकिन, जब हमारा सामना खुद जिंदगी से होता है, इन सच्ची कहानियों से होता है जो कि छोटे पर्दे की मीडिया की कहानियां नहीं होतीं, तब हमें इनसे जुड़ाव का अहसास होता है।" पोप ने युवाओं को चेतावनी देते हुए कहा कि इन संघर्षो का समाधान इस तरह से नहीं हो सकता कि घृणा को और घृणा करके जीता जाए, हिंसा के जवाब में और हिंसा की जाए, आतंक को और आतंक से जीता जाए। बल्कि, इसका उत्तर आपसी सौहार्द, भाईचारे और एकता से दिया जा सकता है। पोप ने उन युवाओं को जगाने की कोशिश की जो 'लकवाग्रस्त समाज' में फंस गए हैं और जिन्हें लगता है कि सच्ची खुशी सोफे पर आराम में ही है।उन्होने कहा कि हम इस दुनिया में निष्क्रिय पड़े रहने के लिए नहीं आए हैं। हमें सोफे को एक अच्छे जूते के जोड़े के साथ बदल देना चाहिए जिसे पहनकर हम उन रास्तों पर चलें जिनका सपना कभी नहीं देखा था और नए क्षितिज की ओर बढ़ें।