5 Dariya News

मुख्यमंत्री पंजाब हैपाटाइटिस-सी रिलीफ फंड

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चंडीगढ़ 27-Jul-2016

पंजाब में हैपाटाइटस-सी के मरीजों का इलाज और दवाइयां मुफ्त दी जा रही हैं। इस संबंधी मुख्यमंत्री पंजाब हैपाटाइटिस-सी रिलीफ फंड की शुरूआत १८ जून २०१६ को की जा चुकी है। विश्व हैपाटाइटिस-सी दिवस (२८ जुलाई ) के अवसर पर स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री श्री सुरजीत कुमार ज्याणी ने कहा कि भारत में फिल्हाल हैपाटाइटिस-सी के मरीजों की संया के पुता नहीं हो सकी है, लेकिन कुछ स्टडी मुताबिक पंजाब राज्य में हैपाटाइटिस-सी की दर ज्यादा सामने आई थी। इसे मुख्य रखते हुए मुख्यमंत्री पंजाब हैपाइटिस-सी रिलीफ फंड की शुरूआत की गई है तांकि पंजाब सरकार द्वारा राज्य के प्रत्येक हैपाटाइटिस-सी के मरीज को इस बिमारी के लिए मुत इलाज की सेवा मुहैया करवाई जा सके। पीजीआई चंडीगढ़ के हैपटोलौजी के माहिर डाकटरों की तरफ से हैपाटाइटिस-सी के इलाज के लिए दिशा निर्देश तैयार किए गए हैं। यह स्कीम राज्य के २२ जिला अस्पतालों और ३ मैडीकल कालजों में चल रही है। इन २५ संस्थाओं के मैडीकल स्पैशलिस्ट को पीजीआई के माहिर डाकटरों की तरफ से पहले ही विशेष ट्रेनिंग दी जा चुकी है। इसके अलावा पीजीआई के माहिर डाकटर प्रत्येक 15 दिन बाद इन संस्थाओं के मैडीकल स्पैशलिस्ट के साथ आनलाइन केस बारे चर्चा करते हैं। 

स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती विनी महाजन ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से लैबोरट्री के साथ रेट कांट्रैकट किए गए हैं। इसके तहत हैपाटाइटिस-सी के टैस्ट बाजार से कम रेटों पर किए जाते हैं। जबकि इन २५ अस्पतालों में इलाज के लिए दवाइयां फ्री मुहैया करवाई जाती हैं। उन्होंने बताया कि स्कीम की शुरूआत के एक महीने में करीब ६ हज़ार मरीजों की जांच की गई है और इनमें ४ हज़ार मरीजों का इलाज शुरू किया जा चुका है। अब तक जिला मुकतसर में ६१८, फरीदकोट में ५२९, बठिंडा में ४१९, मानसा में ३३८, बरनाला में ३१९ और मक्वगा में २४१ मरीजों का इलाज शुरू किया जा चुका है। इन मरीजों के आंकड़ों के आधार पर करीब ७० फीसदी मरीज ग्रामीण इलाकक्वं से रिपोर्ट हुए हैं और इन मरीजों में ज्यादातर मरीज पुरुष (६४ फीसदी) हैं। इसी तरह जिन ४ हज़ार मरीजों का इलाज किया जा रहा है, उनमें १५ फीसदी मरीजों को जिगर (लीवर) का सिरोसिस सामने आया है। इन मरीजों में जिगर का कैंसर और मौत होने का खतरा ज्यादा होता है।श्रीमती विनी महाजन ने बताया कि इस स्कीम की शुरूआत होने के बाद यह सामने आया है कि हैपाटाइटिस-सी के जो मरीज टैस्ट और इलाज से वंचित थे, उन्हें अपने जिले में ही इलाज मिल रहा है। इस स्कीम के साथ उन मरीजों को भी लाभ मिला है, जो टैस्ट और इलाज के लिए चंडीगढ़ या अन्य बड़े शहरों में जाना पड़ता था। यह स्कीम उन मरीजों की जिंदगी बचाने में कामयाब हो रही है, जिन्हें जिगर का सिरोसिस या अन्य समस्या है।