5 Dariya News

मोहम्मद शाहिद : भारतीय हॉकी का महान सितारा

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मुंबई 20-Jul-2016

ओलम्पिक स्वर्ण विजेता टीम के सदस्य रह चुके भारत के दिग्गज हॉकी खिलाड़ी मोहम्मद शाहिद सिर्फ अपनी शानदार ड्रिबलिंग कुशलता के लिए ही नहीं जाने जाते थे, बल्कि उनकी गिनती देश के सार्वकालिक महान खिलाड़ियों में भी होती है। शाहिद का 56 वर्ष की अवस्था में बुधवार को लंबी बीमारी के कारण गुड़गांव के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह काफी समय से किडनी और लीवर की परेशानी से जूझ रहे थे।भारत के सर्वश्रेष्ठ हॉकी खिलाड़ियों में शुमार शाहिद, मॉस्को ओलम्पिक-1980 में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे, जिसके कप्तान वासुदेवन भास्करन थे। ओलम्पिक में भारत का यह आखिरी स्वर्ण पदक था। पीलिया और डेंगू की चपेट में आने के कारण उनकी तबीयत और भी खराब हो गई थी।उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 14 अप्रैल, 1960 को जन्मे शाहिद ने 1979 में फ्रांस में हुए जूनियर विश्व कप में पहली बार भारत का प्रतिनिधित्व किया था। इसी साल कुआलालम्पुर में हुए चार देशों के टूर्नामेंट में उन्होंने देश की सीनियर टीम में कदम रखा। 

इसके बाद आगा खां कप में शानदार प्रदर्शन करने वाले शाहिद ने अपनी प्रतिभा और खेल के प्रति प्यार से सीनियर खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों का ध्यान अपनी तरफ खींचा।उनके बारे में कहा जाता था कि मैदान पर जितने खतरनाक थे मैदान से बाहर वह उतने ही उदार थे। शाहिद अपनी चपलता, फुर्तीले खेल और बेहद तेजी से दौड़ते हुए शानदार अंदाज में किए जाने वाले ड्रिबलिंग कौशल के लिए देश के हॉकी प्रेमियों के चहेते बन चुके थे।लेफ्ट मिडफील्ड क्षेत्र में एक अन्य दिग्गज जफर इकबाल के साथ शाहिद को जोड़ी बेहतरीन थी।उन्हें कराची में 1980 में खेली गई चैम्पियंस ट्रॉफी में सर्वश्रेष्ठ फॉरवर्ड खिलाड़ी का पुरुस्कार भी मिला।वह मास्को ओलम्पिक-1980 में स्वर्ण पदक, 1982 में एशियाई खेलों में रजत पदक और एशियाई खेलों-1986 में कांस्य पदक जीतने वाली टीम का भी हिस्सा थे।उनकी योग्यता ने उन्हें 1986 में एशिया की ऑल स्टार टीम में भी जगह दिलाई। शाहिद ने 1985-86 सत्र में भारतीय हॉकी टीम की कमान भी संभाली और 1981 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार तथा 1986 में पद्मश्री से नवाजा गया।

हॉकी से संन्यास लेने के बाद शाहिद ने भारतीय रेलवे के साथ खेल अधिकारी के तौर पर काम किया और अपने गृहनगर वाराणसी में ही रहे।पेट दर्द की समस्या के कारण उन्हें 29 जून को काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन स्थिति में सुधार न होने के कारण उन्हें वाराणसी से गुड़गांव के मेदांता मेडिसिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।शाहिद के परिवार में उनकी पत्नी प्रवीण शाहिद और दो बच्चे मोहम्मद सैफ और हीना शाहिद हैं।सर्वश्रेष्ठ हॉकी खिलाड़ियो में से एक माने जाने वाले शाहिद को श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार सुबह कहा कि सरकार ने उन्हें बचाने की काफी कोशिश की थी।मोदी ने ट्वीट किया, "शाहिद के असामयिक और दुर्भाग्यपूर्ण निधन के साथ ही भारत ने एक ऐसी प्रतिभाशाली खेल हस्ती खो दी, जो पूरे जोश और उत्साह के साथ खेलते थे।"प्रधानमंत्री ने कहा, "हमने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन दुखद है कि हमारी प्रार्थनाएं भी उन्हें बचाने में असफल रहीं। शाहिद को नमन।"शाहिद के निधन पर हॉकी इंडिया (एचआई) ने भी ट्वीट कर शोक जताया है।एचआई ने ट्वीट किया, "भारतीय हॉकी के महान खिलाड़ी मोहम्मद शाहिद के असामयिक निधन पर हॉकी इंडिया दुख प्रकट करती है।"