5 Dariya News

बैडमिंटन सुपरपॉवर बनने में अभी समय है : पुलेला गोपीचंद

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नई दिल्ली 20-Jul-2016

भारतीय बैडमिंटन टीम के कोच और पूर्व बैडमिंटन दिग्गज पुलेला गोपीचंद ने बुधवार को कहा कि भारत को अभी बैडमिंटन सुपर पॉवर बनने में समय लगेगा। गोपीचंद ने साथ ही कहा कि हमने हालांकि बैडमिंटन में वह सब हासिल किया है जो करना चाहिए था।गोपीचंद ने यहां एक कार्यक्रम में अपनी बैडमिंटन अकादमी खोलने की घोषणा करते हुए पत्रकारों से कहा, "मेरा मानना है कि बैडमिंटन भारत में अच्छी स्थिति में है। हमने वो सब हासिल किया है जो करना चाहिए था। लेकिन हमें बैडमिंटन सुपरपॉवर कहना अभी सही नहीं है। हमें वहां तक पहुंचने में अभी समय लगेगा।"अगले महीने ब्राजील के शहर रियो डी जेनेरियो में ओलम्पिक खेलों का आयोजन शुरू हो रहा है। ओलम्पिक का बैडमिंटन कार्यक्रम अभी तय नहीं हुआ है, लेकिन भारतीय टीम के कोच गोपीचंद का मानना है कि किस खिलाड़ी की प्रतिद्वंद्विता किससे होगी, यह मायने नहीं रखता।

कोच ने कहा, "मेरा मानना है कि अगर आप पदक की तरफ देखते हो तो टूर्नामेंट का कार्यक्रम ज्यादा मायने नहीं रखता है। हो सकता है आपको शुरुआत में कड़े प्रतिस्पर्धी मिलें, लेकिन अगर आप पदक जीतना चाहते हैं तो मुझे नहीं लगता कि आपको इसके बारे में चिंता करनी चाहिए। मेरा ध्यान तैयारी पर है और हमारी तैयारी अच्छी चल रही है। मैं इससे खुश हूं।"भारत ने बैडमिंटन में एकल में हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन युगल मुकाबलों में देश एकल मुकाबलों की सफलता नहीं दोहरा पाया है। क्या ओलम्पिक में युगल मुकाबलों में भारत को दिक्कत हो सकती है? इस पर जवाब देते हुए गोपीचंद ने कहा, "ओलम्पिक में युगल मुकाबलों का कार्यक्रम काफी छोटा होता है। जिसमें 16 खिलाड़ी होते हैं।"गोपीचंद ने कहा, "इसमें से दो-तीन महाद्वीप के खिलाड़ी होंगे ही, शीर्ष 13 खिलाड़ियों में आने का मतलब है कि अगर आप एक दौर में अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो आप पदक की दौड़ में होंगे। 

कोई भी दो खिलाड़ी यहां पहुंच सकते हैं। मैं इसे लेकर सकारात्मक हूं। मैंने ओलम्पिक में उलटफेर होते देखे हैं। हमें अपनी तैयारी करनी चाहिए और सकारात्मक सोच के साथ जाना चाहिए और जो मौका मिले उसे भुनाना चाहिए।"भारत के शीर्ष पुरुष खिलाड़ी किदाम्बी श्रीकांत और दूसरे नंबर की महिला खिलाड़ी पी. वी. सिंधु का प्रदर्शन बीते कुछ समय से अच्छा नहीं रहा है, लेकिन कोच का मानना है कि यह दोनों ही खिलाड़ी ओलम्पिक में अच्छा प्रदर्शन करेंगे।गोपीचंद ने कहा, "ओलम्पिक क्वालीफिकेशन के साथ यह साल काफी चुनौतीपूर्ण था। जो ब्रेक मिलता है उसमें इतना समय नहीं रहता है कि आप जाएं और तैयारी करें, फिट रहें और अपनी कमजोरियों पर काम करें, क्योंकि दवाब काफी रहता है। इससे समस्या बढ़ गई थी। लेकिन मई के बाद श्रीकांत ने एक टूर्नामेंट खेला और सेमीफाइनल तक पहुंचे। 

सिंधु भी काफी मेहनत कर रही हैं और ओलम्पिक में अच्छा प्रदर्शन करेंगी।"ओलम्पिक में भारत का सात सदस्यीय बैडमिंटन दल जा रहा है। उनके पदक जीतने के सवाल पर गोपीचंद ने कहा कि भारत के पदक जीतने की संभवाना है।कोच ने कहा, "मैं सिर्फ इतना ही कहूंगा कि सभी खिलाड़ी कड़ा अभ्यास कर रहे हैं और उनके पदक जीतने की अच्छी संभावना है।"गोपीचंद का मानना है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं की प्रतिस्पर्धा में बदलाव हुआ है जबकि पुरुषों की प्रतिस्पर्धा में कोई बदलाव नहीं हुआ है।गोपीचंद ने कहा, "महिला वर्ग में सिर्फ चीन का दबदबा नहीं है। कई और देशों के खिलाड़ियों ने भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया है। थाईलैंड की रातचानोक इंतानोन और जापान तथा कोरिया की खिलाड़ियों ने चीन के दबदबे को खत्म किया है, लेकिन पुरुषों की प्रतिस्पर्धा लगभग समान है शीर्ष तीन खिलाड़ी लंबे समय से ली चोंग वेई, लिन डान और चेन लोंग ही रहे हैं और इन्हीं ने ही अपना दबदबा कायम रखा है।"