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निर्यात बढ़ाने के लिए रुपये का अवमूल्यन जरूरी नहीं : रघुराम राजन

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हैदराबाद 18-Jul-2016

रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर रघुराम राजन का मानना है कि रुपये का मौजूदा मूल्य उचित है और निर्यात बढ़ाने के लिए रुपये के अवमूल्यन को मुख्य कारण नहीं बताया जा सकता। राजन ने सोमवार को कहा कि रुपये में और अवमूल्यन से महंगाई बढ़ेगी जिससे अर्थव्यवस्था को अवमूल्यन से होने वाला लाभ खत्म होगा। उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण विकास संस्थान (एनआईआरडी) की राष्ट्रीय संगोष्ठी 'इक्विटी, एक्सेस एंड इन्क्लूजन-ट्रांसफॉर्मिग रूरल इंडिया थ्रू फाइनेंशियल इन्क्लूजन' के दौरान प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा, "मेरा विश्वास है कि आज रुपये का मूल्य उचित है। मुझे नहीं लगता कि हमें किसी समस्या के समाधान के लिए एक या दूसरी दिशा में आगे बढ़ने पर जोर देना ही चाहिए।"उनसे पूछा गया कि क्या वैश्विक मंदी के मौजूदा परिदृश्य में देश से निर्यात बढ़ाने के लिए रुपये के अवमूल्यन की जरूरत है।उन्होंने कहा, "अवमूल्यन के कई नकारात्मक प्रभाव हैं। 

इससे देश में महंगाई बढ़ेगी। आपको आयात और तेल के लिए अधिक खर्च करना होगा, जिससे अवमूल्यन से हो सकने वाले लाभ समाप्त हो जाएंगे।"आरबीआई गवर्नर ने बताया कि आज चीन का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) भारत के मुकाबले लगभग चार गुना अधिक है। 1960 के दशक में दोनों देश समान स्तर पर थे। उन्होंने कहा कि चीन की जीडीपी के बराबर पहुंचने के लिए भारत को लंबा सफर तय करना होगा और इस दौरान देश को मजबूत स्थाई विकास की जरूरत होगी।राजन ने किसानों की आत्महत्या के मामले पर कहा कि यह बहुत ही जटिल परिघटना है और इस संदर्भ में सभी मोर्चो पर काम करने की जरूरत है। उन्होंने इस जटिल मुद्दे को समझने और किसानों की कर्ज तक पहुंच को आसान बनाने की जरूरत पर जोर दिया।