5 Dariya News

कर्नाटक में कानून-व्यवस्था की कोई समस्या नहीं : सिद्धारमैया

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बेंगलुरू 16-Jul-2016

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शनिवार को विपक्ष के उस आरोप को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया है कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति ध्वस्त हो गई है। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में शांति एवं सामान्य स्थिति कायम है। सिद्धारमैया ने यहां कर्नाटक मीडिया अकादमी द्वारा आयोजित एक चर्चा सत्र में संवाददाताओं से कहा, "दुर्भाग्यवश विपक्षी पार्टियां पिछले सप्ताह दो पुलिस अधिकारियों द्वारा की गई आत्महत्या को कानून-व्यवस्था की ध्वस्त स्थिति बता रही हैं। राज्य में 2003-2013 के बीच जब वे सत्ता में थे, तो अपेक्षाकृत अधिक अधिकारियों ने आत्महत्या की थी।"

सिद्धारमैया ने इस बात से इंकार किया कि चिकमंगलुरु के पुलिस उपाधीक्षक कलप्पा हांडीबाग और मंगलुरू के पुलिस उपाधीक्षक एम.के. गणपति ने अपने वरिष्ठों की प्रताड़ना के कारण आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने कहा कि दोनों मामलों की जांच की जा रही है और वह जांच रपट आ जाने के बाद ही इस पर कोई टिप्पणी करेंगे।उन्होंने कहा, "उनकी आत्महत्याएं जांच का मामला है। 

यह कहना कि प्रताड़ना के कारण उन्होंने आत्महत्या की, गलत होगा, क्योंकि यदि उनके वरिष्ठों के खिलाफ कोई शिकायत है, तो उससे निपटने का एक तंत्र मौजूद है।"गौरतलब है कि हांडीबाग (34) ने पांच जुलाई को बेलागावी स्थित अपने ससुर के घर में फांसी लगा ली थी। इसके एक दिन पहले उनके खिलाफ चिकमंगलुरू में इस बात के लिए एक शिकायत दर्ज कराई गई थी कि उन्होंने एक फायनेंसर के अपहरण और उसकी रिहाई के लिए 10 लाख रुपये रिश्वत लेने की कथित साजिश रची थी।गणपति (51) को आठ जुलाई को कोडागांव जिले में मदिकरी में एक बंदीगृह में फंदे पर लटके पाया गया था। इसके चंद घंटे पहले उन्होंने एक स्थानीय न्यूज चैनल को साक्षात्कार दिया था और राज्य के पूर्व गृहमंत्री के.जे. जॉर्ज और दो आईपीएस अधिकारियों पर खुद को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि यदि उनके साथ कुछ होता है, तो उसके लिए ये सभी जिम्मेदार होंगे।सिद्धारमैया ने राज्य में भाजपा (2008-13) और जद(एस) (2006-07) के शासन काल के दौरान केंद्रीय गृहमंत्रालय से संबंधित नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो से प्राप्त आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि इन दोनों पार्टियों को सत्ताधारी कांग्रेस पर आरोप लगाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है और न तो मंत्री के इस्तीफे या आईपीएस अधिकारियों के निलंबन की मांग को लेकर विधानसभा का मानसून सत्र बाधित करने का ही अधिकार है।