5 Dariya News

मजबूत महिला पात्रों को चुन रहा बॉलीवुड : फ्रीडा पिंटो

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मेड्रिड (स्पेन) 26-Jun-2016

ऑस्कर विजेता फिल्म 'स्लमडॉग मिलेनियर' की अभिनेत्री फ्रीडा पिंटो का कहना है कि अभिनेत्रियों की मजबूत स्थिति की तुलना में फिल्मों में महिलाओं के सशक्त किरदार अधिक महत्वपूर्ण हैं, जो इन दिनों भारतीय सिनेमा में नजर आ रहा है। उन्हें खुशी है कि भारतीय सिनेमा में सशक्त महिला किरदारों की अवधारणा एक बार फिर उभर रही है। फ्रीडा ने अब तक जिन फिल्मों में काम किया है, उनमें मजबूत महिला पात्रों की मौजूदगी रही। इनमें 'स्लमडॉग मिलेनियर', 'मिराल' और 'तृष्णा' शामिल हैं। फ्रीडा ने इंटरनेशनल इंडियन फिल्म एकेडमी (आईफा) के 17वें संस्करण में निर्देशक राकेश ओमप्रकाश मेहरा और अभिनेता अनिल कपूर के साथ एक सत्र के दौरान भारतीय सिनेमा में हो रहे परिवर्तनों के बारे में बातचीत की। 

अमेरिका में काम करने वाली अभिनेत्री ने कहा, "चूंकि मैं नियमित तौर पर बॉलीवुड में काम नहीं करती हूं, इसलिए मैं एक दर्शक के रूप में अपने विचार दे सकती हूं।

 मैंने जब पिछले साल 'गर्ल राइसिंग इंडिया' को लॉन्च किया था, उस समय भारत कहानी बयां करने के लिए बॉलीवुड की नौ अद्भुत कहानियां थीं। यह एक बड़ा बदलाव है।" फिल्मों में किरदार की गहराई पर फ्रीडा ने कहा, "फिल्मों में केवल महिला पात्रों का मुख्य किरदार काफी नहीं है, बल्कि एक मजबूत महिला पात्र मायने रखता है। मेरे पिता को शबाना आजमी और स्मिता पाटिल के काम बहुत पसंद रहे हैं।" उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि 1990 के दशक की फिल्मों में (मजबूत) महिला पात्रों की कमी थी। अब मैं इसमें दोबारा बदलाव देख रही हूं। निश्चित रूप से परिवर्तन हो रहा है।"