5 Dariya News

211 दूध उत्पादक जागरूकता कैंपों में 27078 पशु पालकों ने हिस्सा लिया: गुलजार सिंह रणीके

दूध उत्पादकों में आधुनिक चेतना पैदा करना जरूरी

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चंडीगढ़ 22-Jun-2016

पंजाब में पशु पालन व्यवसाय को राज्य स्तर पर और विकसित करने के लिए जागरूकता अभियान अधीन शहरों और गांवों में दूध उत्पादक जागरूकता कैंप लगाये जा रहे है। जिस का मुख्य उदेश्य दूध उत्पादकों को विभिंन प्रकार  के व्यवसायिक प्रशिक्षण देना है जिसके द्वारा पशुपालक पशुओं के स्वास्थ्य को सुरक्षित कर सक ने और आधुनिक तकनीक के प्रयोग से दूध की प्रतिदिन पैदा वार को समय के साथ साथ बढ़ा सके।इस संबधी जानकारी देते हुये पशुपालन डेयरी विकास और मछली पालन मंत्री स. गुलजार सिंह रणीके ने बताया कि डेयरी फार्मिंग एक वैज्ञानिक व्यवसाय है निरंतर सुधारों द्वारा ही सफलता हासिल की जा सकती हेै। पंजाब सरकार द्वारा इस संबंधी जागरूगता लाने के लिए राज्य स्तर पर दूध उत्पादक जागरूकता कैंप का आयोजन किया जा रहा है। 

डेयरी विकास बोर्ड द्वारा वर्ष 2015-16 में 198 कैंप और 24078 प्रतिभागियों का लक्ष्य रखा गया था पंरतु लक्ष्य आंकड़े को पार करते हुये 211 कैंपों में 27078 दूध उत्पादकों ने हिस्सा लिया जो विभाग की सुचारू कारगुजारी के कारण ही संभव हो सका है।मंत्री ने बताया कि इन कैंपों में विशेष रूप से डेयरी विकास बोर्ड के विशेषज्ञों द्वारा दुधारू पशुओं की नस्ल सुधार , विभिंन वर्ग और आयु की पशुओं की संभाल , खादय आवश्यकताओं अनुसार पशु आहार का प्रंबध , वातावरण अनुसार पशु घरों की बनावट , बीमारियों की रोकथाम,दूध की अत्याधिक कीमतें हासिल करने संबधी जानकारी और पशुओं के मलमुत्र से कंपोस्ट खाद, बायो गैस आदि की तकनीकों संबधी बताया जाता है उन्होने बताया कि तकनीकों को बारीकी से समझना और उनको अमल मे लाना , सफल पशुपालन और डेयरी के कारोबार के लिए अहम स्थान रखा है। जिसके लिए पंजाब डेयरी विकास विभाग विशेष जागरूकता अभियान द्वारा किसानों तक यह आधुनिक तकनीक और अहम जानकारी दूध उत्पादकों तक पहुंचाना है ताकि पशुपालकों को जागरूक करके दूध की पैदावार को बढ़ाया जा सके और होने वाले नुकसान को रोका जा सके। 

पंजाब डेयरी विकास विभाग के डायरेैक्टर इंद्रजीत सिंह ने बताया कि किसानों तक यह ज्ञान पहुंचाना पंजाब डेयरी विकास बोर्ड का मुख्य कार्य है जिसके लिए विभिंन क्षेत्रों की आवश्यकताओं अनुसार और जमीनी हकीकतों संबधी जानकारी के आदान प्रदान के लिए दूध उत्पादकों के द्वार तक विषय विशेषज्ञों का पहुंचना बहुत जरूरी है । इस उदेश्य को मुख्य रखते हुये डेयरी विकास विभाग द्वारा गांवों में दूध उत्पादक जागरूकता कैंप लगाये जाते है। इन कैंपों में विभाग के फील्ड कर्मचारियों के अतिरिक्त पशुपालन विभाग के वेटरनरी अधिकारी, मिल्कफैड चारा विकास और गुरू अंगद देव वेटरनरी एंड एनीमल साईसिज यूनिवर्सिटी के विषय विशेषज्ञ भाग लेते है। गांवों में संयुक्त स्थान पर एकत्र करके किसानों को नई योजनाओं सबंधी जागरूक किया जाता है। विभाग द्वारा किसानों को डेयरी संबधी लिटरेचर निशुल्क बांटा जाता है। विभाग की मोबाईल लैबोरट्री पशु खुराक और खल्ल के सैंपल टेस्ट करती है और विभिंन विषयों पर विकासमयी फार्मो पर फिल्माई गई लोकल भाषा में डाकूमैँटरी फिल्में भी दिखाई जाती है। इन यत्नों के कारण ही डेयरी विकास विभाग द्वारा लगाये जाने वाले यह जागरूकता कैंप राज्य स्तर पर सफल साबित हुये हेै।