5 Dariya News

दि मिलेनियम स्कूल में कम उम्र के बच्चों के लिए सैमिनार का आयोजन

माहिरों ने अभिभावकों के साथ छोटी आयु के विकास के गुर शेयर किए

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एस.ए.एस. नगर (मोहाली) 17-Jun-2016

दि मिलेनियम स्कूल फेस 5 द्वारा छोटी उम्र के बच्चों के संपूर्ण विकास व सुचारू विकास के लिए एक सैमिनार का आयोजन किया गया। इस सैमिनार को तीन सत्रों में वितरित किया गया, जिसमें  २०० से अधिक अभिभावकों ने माहिरों से बच्चों के सही विकास के बारे में जानकारी हासिल की। इस सत्र का मुख्य उद्देश्य बाल उम्र में बच्चों के शारीरिक व दिमाग के विकास, साकारात्मक सोच की जीवन जांच के नियम व भारतीय बच्चों के विकास में आने वाली दिक्कतें शेयर करना था। इस सैमिनार में यह जानकारी दि मिलेनियम स्कूल के सीईओ बिंदू राणा ने खास तौर पर शिरकत करते हुए संबंधित विषय बारे अहम जानकारी शेयर की। काबिलेजिक्र है कि डा राणा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आधुनिक शिक्षा देने के लिए मशहूर एडकॉम कंपनी की सीईओ भी हैं।

डा राणा ने अभिभावकों को संबोधित करते हुए बताया कि बच्चे के पहले 2000 दिन यानि पहले 6 वर्ष में जो दिमाग पूरी तरह विकसित हो जाता है वह ताउम्र साथ चलता है। छोटी उम्र में बच्चे दुनिया को समझने के लिए अपना पूरा ध्यान व बल लगा देते हैं। इसके साथ ही इस उम्र में बच्चों में हर चीज को समझने व जानने की प्रबल इच्छा होती है। इसलिए पहले 6 वर्ष हर बच्चे के लिए बेहद जरूरी होते हैं।इसके साथ ही डा बिंदू राणा ने पश्चिमी देशों व भारत के प्राईमरी शिक्षा बारे जानकारी शेयर करते हुए कहा कि क्योंकि 6 वर्ष तक बच्चे के दिमाग का सुचारू रूप में विकास होना जरूरी है इसलिए अमेरिका सहित पश्चिमी समाज में किंडर गार्डन की पढ़ाई की ओर अधिक ध्यान दिया जाता है। यही कारन है कि उन्होंने देश में बच्चे के लिए प्री नर्सरी व केजी क्लास की पढ़ाई बेहद माईने रखती है। 

इसके उल्ट भारत में खास कर उत्तरी भारत में आम तौर पर इन कक्षाओं की पढ़ाई पर अधिक ध्यान नहीं दिया जाता जिस कारण बच्चे अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मुकाबले में अपना सही स्थान हासिल करने में पीछे रह जाते हैं। इस अवसर पर डा बिंदू राणा ने एक अच्छे मां बाप के गुर भी शेयर किए। इस दौरान अभिभावकों द्वारा भी जिज्ञासा भरे कई अहम प्रश्न पूछे गए जिनका उत्तर उन्होंने बेहद सरल शब्दों में दिया।इस अवसर पर स्कूल के प्रिंसीपल परमिन्द्र दुग्गल ने कहा कि अगर अभिभावक बच्चों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मुकाबलों के लिए तैयार करना चाहते हैं तो प्री स्कूल की पढ़ाई व सोच को पूरी समझदारी के साथ चलना जरूरी हो जाता है। इसके अलावा अभिभावकों को तंदरुस्ती, पौष्टिक आहार व बच्चों द्वारा आम तौर पर पसंद किए जाने वाले पकवान भी बना कर बताए गए।