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हाईकोर्ट के फैसले से प्रदेश में शुरू हुआ राजनैतिक घमासान

विपक्ष को मिला सरकार के खिलाफ बड़ा मुद्दा

5 Dariya News (राजकुमार अग्रवाल)

कैथल 26-May-2016

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा जाट आरक्षण पर अंतरिम रोक लगाए जाने के बाद प्रदेश में राजनैतिक घमासान शुरू हो गया है। विपक्षी राजनैतिक दलों को सरकार के खिलाफ  फिर से एक बड़ा मुद्दा मिल गया है। अदालत में इस मामले की सुनवाई 21 जुलाई को होगी। तब तक हरियाणा सरकार को हर मोर्चे पर स्पष्टीकरण देने होंगे। दूसरी तरफ साथियों की रिहाई की मांग पर अड़े जाट समुदाय के लोग पहले से ही संघर्ष का ऐलान कर चुके हैं।हाईकोर्ट द्वारा आज फैसला दिए जाने के बाद ही विपक्षी दलों ने सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी। वहीं प्रदेश सरकार भी बचाव की मुद्रा में आ गई है। अदालत का फैसला आने के बाद हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि यह फैसला कांग्रेस सरकार के समय किए गए फैसले की कार्बन कॉपी था। इस घटनाक्रम के बारे में उन्होंने पहले ही आशंका जता दी थी।कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर ने कहा कि एक फिर से सरकार की अनुभवहीनता सामने आई है। सरकार ने बिना ठोस तैयारी के अपना पल्ला बचाने के लिए जाटों को आरक्षण दे दिया लेकिन इसके पहलूओं की जांच नहीं की गई।

कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी ने कहा कि यह मामला पूरी तरह से सरकार का है और सरकार ने खुद एक साजिश के तहत इसे उलझा लिया है। विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा कि हरियाणा सरकार जाटों को आरक्षण देने के मामले में पहले ही दिन से गंभीर नहीं थी। जिसके चलते आरक्षण की अधिसूचना में कई तरह की ऐसी खामियां छोड़ दी गई, जिससे आरक्षण विरोधियों को हावी होने का मौका मिल गया। दूसरा आरक्षण का विरोध करने वाले भी प्रदेश सरकार के अपने ही लोग हैं।उधर सरकार बचाव करते हुए भाजपा प्रवक्ता जवाहर यादव ने कहा कि अदालत ने एक्स पार्टी करार देते हुए अपना फैसला दिया है। पूर्व सरकार ने विधानसभा में विधेयक पारित नहीं किया था। दूसरा पूर्व सरकार ने पिछड़ा आयोग का गठन नहीं किया था। जवाहर यादव ने कहा कि सरकार पूरे मामले का रिव्यू कर रही है और समय आने पर पूरी मजबूती के साथ अपना पक्ष रखा जाएगा। उधर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि सरकार ने योजनाबद्ध तरीके से जाटों को आरक्षण प्रदान किया था। इस मामले में सरकार की मंशा शुरू से ही सकारात्मक रही है। वह कोर्ट के बारे में किसी तरह की टिप्पणी नहीं करेंगे अलबत्ता सरकार सभी पहलूओं पर विचार के बाद अपना पक्ष अदालत के समक्ष रखेगी।

सीएम ने की अधिकारियों से मंत्रणा, दायर करेंगे याचिका

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने सीएमओ के अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई। जिसके में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव आर.के.खुल्लर, महाधिवक्ता बलदेव राज महाजन समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इस बैठक में अधिकारियों के साथ आरक्षण के बदले हुए हालातों पर चर्चा की गई। जिसके चलते यह निर्णय लिया गया कि कानूनी विशेषज्ञों से राय के बाद सोमवार को हाईकोर्ट पुर्नविचार याचिका दायर की जाएगी।