5 Dariya News

नगर निगम शिमला की कार्य प्रणाली की आलोचना

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शिमला (हिमाचल प्रदेश) 15-May-2016

आम आदमी पार्टी ने नगर निगम शिमला की कार्य प्रणानी की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि लोअर बाजार में दुकान दारों को नाहक तंग किया जा रहा है। पार्टी के नेताओ ने बताया कि अंग्रेजों के समय से लोअर बाजार में कोई सुधार नही किया गया। उन्ही के समय से इस बाजार की सडक की हालात जस की जस है । उसी समय की नालियां बनी है।पंजाब सरकार के समय लोअर बाजार में विभिन्न स्थानों पर चार हाईड्ेंट थे जिसमें चौबिसों घण्टे पानी रहता था अग्निशमन विभाग के पास लोअर बाजार, गंज बाजार के लिए जीपें हुआ करती थी अब हालात यह है कि इन बाजारों में न तो को आग बुझाने के लिए हाईड्ंट हैं और न ही छोटी गाडियां ही है। बडी गाडियों के लिए इन बाजारों की सडके पहले से ही संकरी है नगर निगम सडके तो आज तक सुधार नही पाया उपर से सालों से दुकानदारी कर रहे दुकानदारों की दुकानों को अग्निशमन की बडी गाडियों के आवागमन के लिए तोडा जा रहा है।

शहर को साफ सुथरा रखने की लचर व्यवस्था पर बोलते हुए कहा कि सैहब सोसायटी कें माध्यम से कुडा दुसरे-तीसरे दिन उठाया जा रहा है, लोगों को पानी बडी मुश्किल से सप्ताह में एक बार मिल रहा है और कई घरों की टांकियं ओवरफलो होती है निगम प्रशासन को शिकायत की जाती है परन्तु कही कोई सुनवाई नही होती केवल अखबारी बयानबाजी के सिवाय धरातल पर कुछ नही हो रहा। आप नेताओं ने बताया कि नगर निगम पति और पत्नि दोनो से हाउस टेक्स बसूलने के फरमान जारी कर रहा है और लोगों को नाहक परेशान कर रहा है। लोगों ने कमीशनर को इस बाबत पत्र लिख कर सूचित किया परन्तु उनके द्वारा कोई कारवाही अमल में नही लाई गई।जिन वार्डों में सीवरेज कनेक्शन नही है उनसे भी  सीवरेज टैक्स बसूला जा रही है। हर महिने ऐसे उपभोक्ता सीवरेज टैक्स हटाने की अर्जी देते हैं परन्तु उन्हे अगले बिल में फिर से सीवरेज टैक्स जोड दिया जाता है। 

दुषित पेय जल सप्लाई बन्द होने के बाद राजधानी में खोमचे वालों को सडकों पर खाने पीने की चीजों को बेचने पर प्रतिबन्द्ध लगाया परन्तु आज सडकों पर खाने पीने की चीजों की बिक्री धडले से हो रही है  इसलिए आज मनुनिसिपल कॉरपोरेशन, जनता को करपरेशान कॉरपोरेशन बन गई है उन्होने कहा कि नगर निगम की लचर व्यवस्था से त्रस्त है। और मेयर और पाषर्द दौरों में मस्त है।प्रशासनिक अधिकारी समाचार पत्रों में सुधार की आए दिन बडी-बडी बाते करते है। परन्तु जमीनी हकिकत क्या है इसकी सुध लेने की फुरसत किसी को नही है। पार्टी के नेताओं का कहना था कि नगर निगम के बार्डों का विस्तार करना तर्क संगत नही है इससे मर्ज ऐरिया के लोगों को नाना प्रकार की मुसिबतों का सामना करना पडेगा। अभी तक पहले मर्ज किये गये क्षेत्रो के लोगो को कई तरह की मुसिबतों का सामना करना पड रहा है। पंचायात के समय बने मकानों को अभी तक रेगुलर नही किया गया है रेगुलर करने के लिए लोगों से लाखों रूपये बसूलने के फरमान जारी किए गये । मकानो के उतनी किमत नही है जितने उनसे नियमित करने के लिए पैसा वसूले जाने के आदेश समय-समय पर जारी किये गए। मर्ज इलाकों को अभी तक कमर्शियल दरों पर बिजली और पानी मुहैया किया जा रहा है। ऐसे में नगर निगम जो शिमला के नागरिको को सुविधाये उपलब्ध करवाने के लिए स्टाफ की कमी का रोना रोता रहता है, तो क्या निगम नये मर्ज होने वालों क्षेत्रों का बोझ उठा पायेगा।