5 Dariya News

असम में हम चौथी बार लौटेंगे : तरुण गोगोई

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नई दिल्ली 14-May-2016

असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए एक धर्मनिरपेक्ष तीसरा मोर्चा गठित करने की संभावना से इनकार कर दिया है। वह लगातार चौथी बार असम में सत्ता में लौटने को लेकर आश्वस्त हैं। गोगोई ने आईएएनएस के साथ साक्षात्कार में यहां कहा, "हमलोग निश्चित रूप से बहुमत हासिल करने जा रहे हैं। हमलोग 64 के जादुई आंकड़े तक पहुंचेंगे, उससे कम कुछ भी नहीं।"उन्होंने कहा, "आल इंडिया डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के साथ गठबंधन का सवाल ही पैदा नहीं होता।" एआईयूडीएफ के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने इससे पहले आईएएनएस से एक साक्षात्कार में असम गण परिषद(एजीपी) के प्रमुख प्रफुल्ल कुमार महंत को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाते हुए तीसरा मोर्चा बनाने का विचार रखा था। गोगोई वर्ष 2001 से ही असम के मुख्यमंत्री हैं। 

उन्होंने कहा कि उन्हें अजमल के कथन पर संदेह है, क्योंकि इसकी बहुत संभावना है कि वह चार और 11 अप्रैल के मतदान का 19 मई को चुनाव परिणाम आने के बाद भारतीय जनता पार्टी के साथ हाथ मिला सकते हैं।उन्होंने आरोप लगाया कि एआईयूडीएफ ने उन विधानसभा क्षेत्रों से अपने उम्मीदवार खड़े करके भाजपा की चोरी-चोरी मदद की है, जहां उसका कोई आधार नहीं था।गोगोई ने कहा, "यदि कोई गठबंधन होता है तो उसका हर हाल में कोई सम्मानजनक आधार और कुछ सिद्धांत होना चाहिए। मुस्लिम विधानसभा क्षेत्रों में उनके समर्थन का आधार लगभग शून्य है। तब वहां अपने उम्मीदवार खड़े करने का क्या कारण है, जहां कोई मौका ही नहीं है। अप्रत्यक्ष तौर पर वे लोग भाजपा को मदद करने जा रहे हैं।" गोगोई ने महंत के मुख्यमंत्री बनने की संभावना से इनकार किया। महंत भाजपा के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़े हैं। वह नहीं मानते कि यदि किसी भी दल को सरकार बनाने के लिए बहुमत नहीं मिला तो महंत मुख्यमंत्री बन सकते हैं।

गोगोई थोड़ा गुस्से में कहते हैं, "आप सोचते हैं कि हमलोग मूर्ख हैं? महंत हमारे साझेदार भी नहीं हैं।" कांग्रेस के 81 वर्षीय दिग्गज नेता गोगोई ने संकेत दिया कि यदि पार्टी आलाकमान तय करे तो वह चौथे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री के रूप में लौटने को तैयार हैं। उन्होंने कहा, "वे मुझे कोई भी जिम्मेदारी देंगे मैं उसे स्वीकार करूंगा। मैं कितने दिनों तक जारी रखूंगा, यह एक मुश्किल मामला है..।"यह पूछने पर कि पहले मंत्रालय में सहयोगी रहे हिमंता बिस्व शर्मा का भाजपा में चला जाना कांग्रेस को महंगा पड़ा? गोगोई ने कहा कि चुनाव परिणाम खुद बोलेगा। गोगोई ने कहा कि वर्ष 2014 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस हार गई, जब बिस्व शर्मा पार्टी के मुख्य प्रचारकों में से एक थे। हम लोगों ने इस बार लोकसभा चुनाव से बहुत बेहतर प्रचार किया है। उनके जाने का पार्टी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। 

गोगोई ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्ववाली केंद्र सरकार इस सीमांत राज्य के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। उसने असम को दिया गया विशेष राज्य का दर्जा छीन लिया है। इसके तहत राज्य के बजट के लिए 90 फीसदी अनुदान केंद्र सरकार से मिलता है। गोगोई कहते हैं कि यदि इस क्षेत्र को विशेष सहायता नहीं दी गई तो हमेशा पिछड़ा रहेगा। असम में 126 विधानसभा सीटों के लिए चार और 11 अप्रैल को मतदान हुआ था, जिसमें भारी मतदान हुआ था।