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निरंकारी मिशन के प्रमुख निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी का निधन, कनाडा में हुआ सड़क हादसा

5 Dariya News (अजय पाहवा)

लुधियाना 13-May-2016

संत निरंकारी मिशन के प्रमुख बाबा हरदेव सिंह जी का  कनाडा में एक सड़क हादसे में निधन से उनके अनुयायी और समर्थक सदमे में हैं। 23 फरवरी 1954 को जन्म बाबा हरदेव सिंह जी सन 1980 से इस निरंकारी मिशन  के प्रमुख थे।उल्लेखनीय है कि संत निरंकारी मिशन भारत की एक विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक संस्था है, जिसे ‘यूनिवर्सल ब्रदरहुड मिशन’ के नाम से भी जाना जाता है। इसका मुख्यालय दिल्ली में स्थित है।एक सुधारवादी अभियान है संत निरंकारी मिशन संत निरंकारी मिशन के की शरुआत बीसवीं सदी के पूर्वार्ध में हुई थी। इसके वास्तविक प्रणेता बाबा बूटा सिंहजी माने जाते हैं।गौरतलब है कि यह कोई नया धर्म या पंथ नहीं है,बल्कि यह जातपात, वर्ग और वर्ण विभेद से परे समाज के सभी मनुष्यों को साथ लेकर चलने वाला एक आध्यात्मिक अभियान है, जिसका उद्देश्य मानव मात्र का कल्याण है।

27 देशों में है निरंकारी मिशन की शाखाएं

वर्तमान में संत निरंकारी मिशन की 100 अधिक शाखाएं विश्व के लगभग 27 देशों में है। विदेशों में इस मिशन के सबसे अधिक अनुयायी ब्रिटेन, यूएसए, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में हैं।भारत में निरंकारी मिशन के सबसे अधिक अनुयायी पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में हैं। वर्तमान में देश के हर प्रमुख शहर में इस संस्था के सत्संग भवन हैं।  संत निरंकारी मिशन के प्रमुख  निरंकारी बाबा श्री हरदेव सिंह जी का  निधन हो गया है। उनका निधन कनाडा के मॉन्ट्रियल में एक सड़क हादसे में हुआ। बाबा हरदेव 25  अप्रैल को दिल्ली से रवाना हुए थे। न्यूयार्क के बाद वह कनाडा पहुंचे और आज भारतीय समयनुसार कनाडा में सुबह पांच बजे कार एक्सीडेंट में उनका देहांत हो गया।

निरंकारी मिशन ने श्रद्धालुओ से दुःख की घड़ी में धैर्य की अपील की है और श्रद्धालु सीधे निरंकारी मिशन दिल्ली की तरफ फिलहाल कूच न करें, उच्च कानूनी प्रक्रियाओं के बाद आगामी रूपरेखा तय होगी।

कुछ निजी पल निरंकारी बाबा जी के 

दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रैजुएशन पूरी की बाबा हरदेव सिंह जी ने बाबा हरदेव भारत समेत विश्व के लगभग सभी देशों के लोगों में धर्म और ज्ञान का प्रकाश प्रज्वलित करने के लिए जाने जाते थे। बाबा हरदेव ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी ग्रैजुएशन पूरी की थी। बाबा हरदेव के पिता गुरबचन सिंह की 1980 में हत्या की गई। पिता की हत्या के बाद बाबा हरदेव संत निरंकारी मिशन के मुखिया बन गए। गौर हो कि 1929 में संत निरंकारी मिशन की स्थापना हुई थी। बाबा हरदेव सिंह जी को बाबा भोला के नाम से भी जाना जाता था। 

रक्तदान में महत्वपूर्ण भूमिका

भारत में संत निरंकारी मिशन का मुख्यालय दिल्ली में है। संयुक्त राष्ट्र ने भी इनके मिशन के सम्मान में अपने विचार रखने के लिए बाबा हरदेव जी को आमंत्रित किया था। बताते हैं कि बाबा हरदेव सिंह जी के मार्गदर्शन में रक्तदान भी इस मिशन का महत्वपूर्ण अभियान बन गया। अब तक रक्तदान मिशन में छह लाख यूनिट से अधिक रक्तदान किया जा चुका है। हर साल सैकड़ों रक्तदान शिविर आयोजित करके करीब 70,000 यूनिट रक्तदान किया जा रहा है।