5 Dariya News

उत्तराखंड से राष्ट्रपति शासन हटेगा, कांग्रेस सरकार वापस लौटेगी

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नई दिल्ली 11-May-2016

केंद्र सरकार ने बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि उत्तराखंड के अपदस्थ मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया है और जैसे ही राज्य से राष्ट्रपति शासन हटेगा, उनकी सरकार सत्ता में बहाल हो जाएगी। महान्यायवादी मुकुल रोहतगी ने न्यायालय को सूचित किया कि राज्य विधानसभा में मंगलवार को हुए शक्ति परीक्षण में हरीश रावत के पक्ष में 33 मत पड़े, जबकि 28 विधायकों ने उनके खिलाफ मत दिया।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बुधवार को राष्ट्रपति शासन वापस ले लेगी। हरीश रावत के नेतृत्व वाली सरकार के अल्पमत में होने का संदर्भ देते हुए केंद्र सरकार ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया था।रोहतगी ने न्यायालय से कहा, "मैं न्यायालय से अनुरोध करता हूं कि राज्य से राष्ट्रपति शासन को हटाने के लिए हमें मौका दिया जाए, ताकि हरीश रावत की सरकार सत्ता में वापस लौट सके।"उन्होंने कहा, "मैंने इस बारे में सरकार से सलाह ली है।"रोहतगी ने जैसे ही सर्वोच्च न्यायालय को शक्ति परीक्षण के फैसले से अवगत कराया, न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा तथा न्यायमूर्ति शिव कीर्ति सिंह ने 22 अप्रैल के अपने आदेश में संशोधन किया। 

न्यायमूर्ति ने उस दिन रोहतगी से एक हलफनामा लिया था, कि जब तक शीर्ष न्यायालय मामले का समाधान नहीं करवा देती, तब तक राष्ट्रपति शासन नहीं हटाया जाएगा।शीर्ष न्यायालय ने केंद्र सरकार से राष्ट्रपति शासन हटाने को लेकर उठाए गए कदम से गुरुवार को न्यायालय को अवगत कराने के लिए कहा।न्यायालय ने हालांकि कहा कि वह 21 अप्रैल को उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा राज्य से राष्ट्रपति शासन हटाने के फैसले को चुनौती देने वाली केंद्र सरकार की याचिका पर सितंबर में किसी समय सुनवाई करेगा।उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के.एम.जोसेफ ने केंद्र सरकार की एक निजी पक्ष की तरह व्यवहार करने को लेकर आलोचना की थी और राज्य में लगे अनुच्छेद 356 को खारिज कर दिया था।न्यायालय ने कहा कि राष्ट्रपति शासन लागू करने के औचित्य की जांच करना आवश्यक है, क्योंकि उच्च न्यायालय ने कई कारणों का संदर्भ देते हुए उसे खारिज कर दिया था।महान्यायवादी ने जैसे ही न्यायालय से बुधवार को राष्ट्रपति शासन हटाने और हरीश रावत की सरकार को सत्ता में बहाल करने की बात कही, हरीश रावत सरकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल तथा अभिषेक मनु सिंघवी ने देश सर्वोच्च न्यायालय के रुख की प्रशंसा की।