5 Dariya News

शिक्षक व संत होते है राष्ट्र निर्माता : महंत शुक्राईनाथ योगी

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जीन्द 09-May-2016

एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता बोलते हुए राष्ट्र रक्षा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत शुक्राईनाथ योगी ने श्रोताओं को बताया कि प्राचीन काल से ही राष्ट्र निर्माण में शिक्षक व संत की अहम भूमिका रही है। इस तथ्य की पुष्टि के अनेकों ऐतिहासिक उदाहरण उपलब्ध हैं। जब-जब इस राष्ट्र पर विपदा आई तो संतो व शिक्षकों ने अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए हर विकट परिस्थिति का सामना किया व ना केवल राष्ट्र का विनाश होने से रोका बल्कि एक मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया जबकि वर्तमान की परिस्थितियों में तथाकथित शिक्षक व नकली संत ही इस राष्ट्र को रसातल की ओर ले जा रहे हैं। शिक्षक का ऋण हम किसी भी रूप में उतार नहीं सकते। जिस समाज में हमें रहना है, उसके योग्य हमें केवल शिक्षक ही बनाते हैं। यद्यपि परिवार को बच्चे के प्रारंभिक विद्यालय का दर्जा दिया जाता है लेकिन जीने का असली सलीका उसे शिक्षक ही सिखाता है। समाज के शिल्पकार कहे जाने वाले शिक्षकों का महत्व यहीं समाप्त नहीं होता क्योंकि वह ना सिर्फ आपको सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं बल्कि आपके सफल जीवन की नींव भी उन्हीं के हाथों द्वारा रखी जाती है। (आचार्य चाणक्य- शिक्षक साधारण नहीं होता क्योंकि प्रलय और निर्माण शिक्षक की गोद में पलता हैं ।

लेकिन वर्तमान में न केवल शिक्षक बल्कि संत समाज भी अपनी गिरती गरिमा का परिचय दे रहा है। संत के नाम से कलंक रूपी अनेको  उदाहरण देखने को मिलते हैं इसी तरह से शिक्षक की बजाय भक्षक दिखाई देने लगे हैं। अतीत इस बात का गवाह रहा है कि जब-जब शिक्षकों व संतों ने अपनी मर्यादाएं तोड़ी तब-तब इस राष्ट्र को भयानक त्रासदी झेलनी पड़ी है। कहते हैं इतिहास अपने आप को दोहराता है। आज पुन: हमारा राष्ट्र ऐसे दौराहे पर आकर खड़ा है जिसमें यदि जल्द ही शिक्षक व संत समाज द्वारा अपना आत्म निरीक्षण कर महत्वपूर्ण कदम नहीं उठाए तो इस राष्ट्र को बरबाद होने से कोई ताकत नहीं रोक सकती। यदि शिक्षक व संत अपना दायित्व इमानदारी से निभाएं तो इस राष्ट्र को पुन: विश्व गुरु बनाया जा सकता है। इस अवसर पर राष्ट्र रक्षा दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष धर्मवीर,राष्ट्रीय  सचिव कर्मवीर, राष्ट्रीय प्रवक्ता सुरेन्द्र मूंड (राजस्थान), पवन कुमार कंडेला व सैंकड़ो की संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।