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सूचना सिद्धांत के जनक पर गूगल का डूडल

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नई दिल्ली 30-Apr-2016

सूचना सिद्धांत के जनक के रूप में पहचाने जाने वाले गणितज्ञ और इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर अमेरिकी निवासी क्लाड शैनन के 100वें जन्म दिन पर शनिवार को गूगल ने उन पर डूडल बनाकर श्रद्धांजलि दी है। शैनन का 1949 में दिया गया कम्यूनिकेशन का गणितीय सिद्धांत उनका सबसे महत्वपूर्ण काम माना जाता है। उन्होंने ही सूचना सिद्धांत की स्थापना की जिससे डिजिटल आंकड़ों के संरचन की गणित की शाखा की शुरुआत हुई। उन्होंने 'बिट' की खोज की थी, जिसके आधार पर ही कंप्यूटर काम करते हैं। अगर आप शैनन की उम्र कंप्यूटर की बायनरी भाषा में लिखना चाहे तो यह '1100100' होता है। 

उन्हें डिजिटल कम्प्यूटर और डिजिटल सर्ट डिजाइन सिद्धांत का संस्थापक कहा जाता है। शैनन ने महज 21 साल की उम्र में मैसाचुसेट्स आईटी संस्थान से परास्नातक उपाधि हासिल की थी। उन्होंने वहां एक शोध प्रबंध लिखा था जिसमें दर्शाया गया था कि बूलीय बीजगणित का विद्युत अनुप्रयोग किसी भी तार्क, संख्यात्मक संबंध का निर्माण व हल कर सकता है। इसे बेहद महत्वपूर्ण शोध प्रबंध माना जाता है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान शैनन ने वी 1 और वी 2 मिसाइल को पकड़ने वाला मशीन बनाया। 

उन्होंने एनक्रिप्टेड कोड को तोड़ने का बुनियादी सिद्धांत तैयार किया। उन्होंने कोड तोड़ने के बुनियादी कार्य सहित क्रिप्ट विश्लेषण के क्षेत्र में भी योगदान दिया। वे 1956 में एमआईटी के विजिटिंग प्रोफेसर थे और 1958 में उन्हें स्थायी नियुक्ति दी गई। वहां शैनन ने वेनेवर बुश के सहयोगी के रूप में शुरुआती मैकेनिकल कंप्यूटरों पर काम किया। बुश ने वर्ल्ड वाइड वेब (डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू) के शुरू होने के 40 साल पहले ही इसकी भविष्यवाणी की थी। 

शैनन ने बेटी मूर से 1939 में शादी की और उनके एक बेटा और एक बेटी हैं। वे पूरी तरह अपने काम में डूबे रहते थे और कम सामाजिक थे। उनके दिन की शुरुआत गणित केंद्र के निदेशक के साथ शतरंज के खेल से शुरू होती थी और देर शाम तक वे अपने काम में डूबे रहते थे। फरवरी 2001 में उनकी मौत हो गई। मौत से पहले वे भूलने की बीमारी अल्जाइमर्स का शिकार हो गए थे। अमेरिका, कनाडा, इंग्लैंड, भारत, जर्मनी, स्पेन, स्वीडन, संयुक्त अरब अमीरात, इराक, ओमान सहित कई देशों में गूगल डूडल आज शैनन को याद कर रहा है।