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18 सालों से चंगर के लोगों को विकास के नाम पर ठगा गया : चंगर विकास सभा

5 Dariya News (मोनिका शर्मा)

ज्वालामुखी 30-Apr-2016

ज्वालामुखी चंगर इलाके के लांग अपनी उपेक्षा को लेकर अब अंदोलन करने का मन बना रहे हैं।  लोगों का आरोप है कि विकास के नाम पर चंगर की जनता को हमेशा ठगा ही गया है । पुराने ज्वालामुखी क्षेत्र को देखा जाये तो 13 पंचायतें चंगर क्षेत्र में थीं परंतु पुनर्सीमांकन के बाद  छह और पंचायतें थुरल विधानसभा क्षेत्र के मर्ज हो जाने से ज्वालामुखी के चंगर क्षेत्र में अब पंचायतें बढ़ कर 19 हो गयी है जिनमें तीस हजार के लगभग वोट है। इतना बड़ा वोट बैंक होने के बावजूद भी चंगर क्षेत्र की लगातार 18 सालों से हो रही अनदेखी से चंगर की जनता हताश व निराश हो चुकी है।चंगर विकास सभा के बैनर तले  इन दिनों इलाके की पंचायतों के कई जन प्रतिनिधियों ने अपनी पीढ़ा को जाहिर करते हुये कहा कि पिछले 18 सालों से चंगर के लोगों को हमेशा वायदों का झुनझुना थमाया जाता रहा है। चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो या स्वास्थ्य का,चाहे लोक निर्माण विभाग की बात हो या आई पी एच विभाग की इस क्षेत्र के लोगों को हमेशा हसीन सपने दिखाकर वोट झटकने की राजनीति ही होती चली आ रही है परंतु अब चंगर के लोगों ने कुछ नया कर दिखाने की चाहत पालने शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि चाहे भाजपा हो या कांग्रेस या आजाद विधायक सभी ने चंगर की जनता के दिल को जख्म दिये है।

देहरा ब्लाक समिति के पूर्व सदस्य संजय राणा ने कहा कि रमेश ध्वाला ने आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ते समय वायदे जो चुनाव में किये थे को याद करवाते हुये कहा कि उन्होंने चंगर में सब डिवीजन,ब्लाक आफिस,रोजगार कार्यालय ,प्राथमिक शिक्षा खंड ,कालेज खुलवाना उनके चुनावी वायदे जनता से थे। परंतु मंत्री होने के बावजूद भी वे 15 सालों में कुछ न कर पाये। वर्ष 2013 में कांग्रेस प्रत्याशी संजय रतन ने भी इन्ही मुद्दों पर चुनाव लड़ा और चंगर क्षेत्र से 70 फीसदी वोट लेकर विजय हासिल की परंतु तीन सालों में फिर चंगर की जनता अपने साथ किये वायदों को पूरा न होते देख हताश व निराश नजर आने लगी है।समाज सेवी मस्त राम राणा का मानना है कि चंगर क्षेत्र में विकास की नींव पूर्व मंत्री केवल सिंह पठानिया व रविन्द्र सिंह रवि जैसे दिग्गज नेताओं ने रखी थी। दोनों ही नेताओं ने चंगर क्षेत्र के लोगों को बताया था कि विकास नाम की चीज क्या होती है। आज विधानसभा क्षेत्र पूरा बांट कर रख दिया गया है। चंगर क्षेत्र की 19 पंचायतों के लोग आज वोट डालकर ठगा सा महसूस करने लगे है। चंगर क्षेत्र की सडक़ों का इन तीन सालों में बुरा हाल है। पता ही नहीं चलता कि सडक़ें है या गडढ्े है। 

त्रिलोक चंद ने कहा कि खुंडियां में साईंस ब्लाक और आई टी आई का शिलान्यास पिछले शासन काल में हुआ था परंतु आज तक काम शुरू न हो पाने से लोगों के जख्म हरे है। खुंडियां में स्वास्थ्य सेवा रात्रि को न के बराबर है आपातकालीन सेवाएं क्या होती है लोगों को पता ही नहीं है। चंगर के लोगों को 24 घंटे आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत है। यहां पर यातायात की सुविधा की जरूरत है। कई रूट बंद कर दिये जाने से लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। स्कूली छात्र व कर्मचारी वर्ग को बस सुविधा न मिलने से पैदल आना जाना पड़ता है या बस की प्रतीक्षा के लिये घंटों बैठना पड़ता है। स्कूलों में स्टाफ व अध्यापकों के पद खाली पड़े है। पशु चिकित्सा न के बराबर है। जंगली जानवरों से फसल की बर्बादी हो रही है। मौसम की बेरूखी से बदहाल किसान को कोई पूछने वाला नहीं है। पानी की सुविधाएं न के बराबर है। लोगों को आज भी प्राकृतिक पेयजल स्रोतों पर ही निर्भर रहना पड़ता है। उन्होंने कहा कि चंगर का मतदाता अब सजग होने लगा है अपने अच्छे बुरे की पहचान करने लगा है। उन्होने कहा कि ज्वालामुखी में आज तक जो भी विधायक बना है वो चंगर के लोगों के आशीर्वाद व सहयोग कि बना नहीं बन पाया है । इसलिये मुख्यमंत्री व विधायक चंगर क्षेत्र के लोगों की पीड़ा को समझें और उनका निवारण करके  चंगर के लोगों को राहत दिलवायें ।