5 Dariya News

आरोप बेतुका, निर्वासित जीवन को मजबूर : विजय माल्या

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लंदन 29-Apr-2016

कर्ज नहीं चुकाने के मामले में फंसे शराब कारोबारी विजय माल्या ने अपने ऊपर लगे आरोप को बेतुका बताया और कहा कि वह निर्वासित जीवन के लिए मजबूर हैं और अपने देश लौटना चाहते हैं। माल्या ने समाचार पत्र फायनेंशियल टाइम्स को दिए गए साक्षात्कार में कहा, "मैं किंगफिशर एयरलाइंस के पैसे की हेराफेरी करने और संपत्ति खरीदने के लगाए जा रहे बेतुके आरोप में बिल्कुल भी दोषी नहीं हूं। मैं निर्वासित जीवन के लिए मजबूर कर दिया गया हूं और कर्ज का वाजिब तरीके से निपटारा करना चाहता हूं।"उन्होंने 9,000 करोड़ रुपये का बैंको का कर्ज जानबूझ कर वापस नहीं करने के आरोप पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनका पासपोर्ट रद्द करने और उन्हें गिरफ्तार करने से बैंक उनसे एक भी पैसा नहीं ले पाएंगे।

उन्होंने कहा, "मैं निश्चित रूप से भारत लौटना चाहूंगा। अभी मेरे प्रति रुख काफी आक्रामक है। 

मेरा पासपोर्ट रद्द कर दिया गया है। मुझे नहीं पता कि सरकार अगला कदम क्या उठाएगी। मैंने हमेशा कहा है कि मैं किंगफिशर को ऋण देने वाले बैंकों से मिलकर निपटारा करूंगा।"उन्होंने कहा, "कानूनी प्रक्रियाओं के बाद भी मैं निपटारा की पेशकश पर कायम हूं। ऋण वापसी न्यायाधिकरण के सामने करीब 50 करोड़ पाउंड के लिए याचिका दाखिल की गई है। शेष ब्याज राशि है। मुझे अभी तक यह समझ में नहीं आया है कि 9,000 करोड़ रुपये की राशि कहां से आई।"उन्होंने कहा कि उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा दाखिल किया है और यदि कोई जांच की जाती है, तो उस पर सही स्थिति पता चल जाएगी। 

उन्होंने कहा, "यदि सरकार किंगफिशर एयरलाइंस के खातों की जांच करेगी, तो उसे कुछ भी नहीं मिलेगा, क्योंकि यही सच है।"माल्या ने कहा कि उन पर अत्यधिक दबाव बनाया जा रहा है, लेकिन वह सिर्फ बैंकों को प्राथमिकता नहीं दे सकते हैं, क्योंकि अन्य कर्जदाता भी हैं।उन्होंने कहा, "अप्रत्याशित तरीके से और जरूरत से अधिक जल्दबाजी में मेरे पासपोर्ट पहले निलंबित और फिर रद्द किए गए। मुझे ई-मेल से इसकी जानकारी मिली।" उन्होंने कहा कि उनका पासपोर्ट छुट्टी वाले दिन रद्द किया गया और उनके जवाब को नजरंदाज कर दिया गया।उन्होंने कहा कि यदि उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में निपटारा की पेशकश की है, तो उसे लेकर वह गंभीर हैं।

माल्या ने कहा कि उन्होंने किंगफिशर एयरलाइंस को बचाने की पूरी कोशिश की, जो हालांकि सफल नहीं रही। उन्होंने कहा, "अभी भारत में मेरे व्यापार हैं और मैं उन्हें जारी रखना चाहता हूं। वह काफी उच्छा चल रहा है। मैं अभी मजबूरीवश निर्वासित जीवन जी रहा हूं।"अपने बारे में ठाट-बाट वाली जीवन शैली की हो रही चर्चा पर उन्होंने कहा कि वह सरल जीवन जीते हैं। उन्होंने कहा, "रंगीन कपड़े पहनने में कुछ भी बुरा नहीं है।"उन्होंने कहा, "जिन्हें जानने की जरूरत है, उन्हें निश्चित रूप से जानना चाहिए कि मैं ब्रांड एंबेसडर हूं। 'द किंग ऑफ गुड टाइम्स' किंगफिशर एयरलाइंस का नारा था। चाहे जिस कारण से भी मुझे 'द किंग ऑफ गुड टाइम्स' कहा जाता रहा हो, लेकिन अभी तो मैं किंग ऑफ बैड टाइम्स हूं।"