5 Dariya News

पंजाब सरकार द्वारा नीली क्रांति के लिए पंजाब मतस्य मेला-2016 आयोजित

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चंडीगढ़ 19-Apr-2016

पंजाब सरकार ने कृषि विविधता अधीन सहायक व्यवसाय के तौर पर मतस्य पालन के व्यवसाय को प्रौत्साहन देने के उद्धेश्य से राज्य में पहली बार राज्य स्तरीय पंजाब मतस्य मेला-2016 गड़वासु, लुधियाना में आयोजित किया है। गुलजार सिंह रणिके कैबिनेट मंत्री पशु पालन, मतस्य पालन, डेयरी विकास तथा अनुसूचित जातियों एवं पिछड़ी श्रेणीयों कल्याण विभाग पंजाब ने यहा जानकारी देते हुये बताया कि यह पंजाब मतस्य मेला-2016 अप्रैल 24 और 25 को मतस्य पालन विभाग द्वारा नेशनल फिशरीज़ डिवेल्पमैंट बोर्ड, हैदराबाद के सहयोग से आयोजित किया गया है। इस मेले के उद्धेश्य को स्पष्ट करते हुये उन्होंने बताया कि पंजाब में मतस्य पालन की अपार संभांवनांए हैं जिस द्वारा किसान मछली पालन के लाभप्रद व्यवसाय को अपनाकर वार्षिक वित्तीय लाभ में आसानी से बढ़ौतरी कर सकते हैं। राज्य के कृषि अर्थचारे में कृषि विविधता की आवश्यकता को पूरा करने की तरफ मतस्य पालन बहुत बड़ा योगदान डालने के  समर्थ है। विशेष तौर पर दक्षिणी पश्चिमी जिलों में सेम की मार तले आये क्षेत्रों में इस व्यवसाय के लिए बड़े स्तर पर काम करने की गुंजाइश है। 

मंत्री ने मेले संबंधी विशेष बातों के संबंध में बताया कि इस मेले में दो दिवसीय तकनीकी सैमीनार रखे गये हैं। इन सैमीनारों में देश के प्रमुख मतस्य पालन वैज्ञानिक मतस्य पालन की आधुनिक तकनीकों और मतस्य फार्म प्रबंधन के तरीकों संबंधी जानकारी देंगे। मतस्य पालन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मशीनें और अन्य साजो समान बनाने और बेचने के लिए प्रर्दशनियां लगायेंगे तथा मशीनरी/औजार दिखाकर उन संबंधी जानकारी देंगे। राज्य में मतस्य को अधिक से अधिक रोजाना खुराक में शामिल करने के लिए लोगों को प्रेरणा देने के  उद्धेश्य से इस मेले में मछली से विभिन्न स्वादिष्ट व्यंजन तैयार करने वाले विशेषज्ञ स्टॉल लगायेंगे ताकि लोग इनका आनंद ले सकें। मंत्री ने आगे बताया कि इस राज्य स्तरीय मेले में विकासमयी मतस्य पालकों को सम्मान्नित किया जायेगा और इस मतस्य पालक पेशेवर तकनीकों, उपलब्धियों की जानकारी अन्य नये मतस्य पालकों और किसानों के साथ सांझी करेंगे। मंत्रीजी ने कहा कि यह प्रयास राज्य में मतस्य पालन और मछली के व्यापार को उत्साहित करने के लिए यकीनी तौर पर सफल होगा।  ऐसे मेले प्रत्येक वर्ष करवाये जायेंगे। 

इस अवसर पर डॉ. मदनमोहन निदेशक एवं वार्डन फिशरीज़ पंजाब ने बताया कि पंजाब में मतस्य पालन का अर्थचारे और रोजगार के क्षेत्र में काफी योगदान है और इसको और बढ़ाने के लिए प्रयास किये जा रहें हैं। इस समय पंजाब में 38 हजार एकड़ रकबा मतस्य पालन अधीन है जिसमें वार्षिक एक लाख 20 हजार टन मछली पैदा होती है। मतस्य पालन के विकास के लिए पंजाब में ढांचागत सुविधाओं का बेहतर प्रबंध है जिसको और मजबूत किया जा रहा है। इस समय 14 सरकारी मतस्य पूंग फार्म चलाये जा रहें हैं। राज्य में 2347 लाख मतस्य पूंग पैदा की जाती है। राज्य में मतस्य पालन के व्यवसाय को विकसित करने के लिए जिला बठिंडा में रीजनल सैंट्रल इंस्टीच्यूट ऑफ फ्रैश वॉटर एक्वाकल्चर स्थापित करवाया जा रहा है। राज्य के खारे पानी और सेम की मार अधीन आये क्षेत्रों में मतस्य पालन के यूनिट स्थापित करवाने के लिए 90 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है और राज्य के शेष हिस्से में 50 प्रतिशत सब्सिडी से नये मतस्य पालन के यूनिट स्थापित करवाये जा रहें हैं। मतस्य के मंडीकरण को संयोजित करने के लिए राज्य में वातानुकुल मतस्य मंडियां विकसित की जा रही हैं। अमृतसर, लुधियाना और बठिंडा में यह मंडिया स्थापित हो चुकी हैं।