5 Dariya News

300 करोड़ रूपए की लागत से पंजाब सरकार द्वारा विरासती धरोहर का किया जा रहा है संरक्षण-सोहन सिंह ठंडल

पर्यटन व सांस्कृतिक विभाग पंजाब ने विश्व विरासत दिवस के अवसर पर पंजाब टूरिज्म नाम की मोबाइल एप का आरंभ

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चंडीगढ़ 18-Apr-2016

पंजाब की समृद्ध विरासत की सदैव संरक्षण के लिए राज्य सरकार की वचनबद्धता दोहराते हुए सरदार सोहन सिंह ठंडल पर्यटन एवं सांस्कृतिक मंत्री पंजाब ने कहा कि राज्य में धार्मिक व इतिहासिक महत्व वाली विरासती इमारतों एवं स्थानों के संरक्षण के लिए 300 करोड़ रूपए की लागत से ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। इतना ही नहीं हज़ारों करोड़ रूपए खर्च करके विश्व स्तर की इतिहासिक यादगारों का निर्माण करवाया गया है। यह प्रगटावा उन्होंने आज विश्व विरासत दिवस के अवसर पर सांस्कृतिक विभाग के कमेटी रूम में पत्रकारों के साथ बातचीत करते किया। स. ठंडल ने कहा कि जो कौमें अपनी विरासती धरोहर का संरक्षण नहीं करती वह अपनी नवयुवा पीढ़ी को समृद्ध विरासत से वंचित कर देती हैं। उन्होंने कहा कि विरासती स्थान हमारी पृष्ठभूमि पर  पक्षी नज़र दिलाते हुए नई पीढ़ी के लिए प्रकाश पुंज का कार्य करती है और इनका संरक्षण अनिवार्य है।

इस अवसर पर पर्यटन विभाग द्वारा पंजाब टूरिज्म नाम की मोबाइल एप्लीकेशन लांच की गई। एडरॉयड पर आधारित यह एप गुगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध करवाई गई है। यह विलक्षण एप यात्रियों के लिए बहुत लाभदायक साबित होगी। इस संबंधी अधिक जानकारी देते हुए पर्यटन मंत्री ने बताया कि इसमें पंजाब के सभी जिलों के पर्यटन स्थानों संबंधी जानकारी मौजूद है, जिसके चलते पंजाब दर्शन पर निकलने से पूर्व ही यात्री अपनी यात्रा संबध्ंाी पूरा प्लान घर बैठे ही बना सकेंगे। इतना ही नहीं इस एप द्वारा पंजाब के किसी एक स्थान से उसके 500 किलोमीटर के घेरे में  प्रमुख पर्यटनों मंजि़लों संबंधी जानकारी हासिल की जा सकेगी। इस एप को गुगल मैप्स से जोड़ा गया है।  इससे पूर्व विरासती स्थानों के संरक्षण के लिए उच्चतम तरीकों विषय पर सैमिनार का आयोजन किया गया जिसमें विषय विशेषज्ञों द्वारा विस्तृत जानकारी दी गई। बीबा नमीता जसपाल द्वारा पंजाब में विभिन्न स्थानों पर अपनी देखरेख में करवाए जा रहे विरासती इमारतों के संरक्षण के कार्र्यां संबंधी एक प्रस्तुति भी पेश की गई। विश्व विरासत दिवस के अवसर पर आज पर्यटन मंत्री पंजाब द्वारा गुरू रविदास मैमोरियल खुरालगढ़ की रूपरेखा बनाने वाले इतिहासकारों को भी सम्मानित किया गया।