5 Dariya News

शुक्र है चौधरी मित्रसेन का परिवार बच गया

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चंडीगढ़ 16-Apr-2016

आरक्षण आंदोलन के दौरान उपद्रवियों द्वारा जलाए गए हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के रोहतक स्थित 'सिन्धु निवास' को देखने के लिए शनिवार को कैथल जिले के कई तपों से मौजिज व्यक्तियों और हरियाणा फेडरेशन आफ यूनिवर्सिटी व कालेज टीचर एसोसिएशन पहुंची। दोनों संगठनों ने कहा कि उपद्रवी कैप्टन के परिवार को खत्म करने की योजना बनाकर आए थे। यह तो भगवान का शुक्र है कि परिवार किसी तरह से बच गया।कैथल जिले के गांव कुतबपुर के अर्जुन, बलवान, देवीगढ़ के रणदीप सिंह, चुड़ियाराम, रेहड़ा के प्रेमसिंह, संगतपुरा के प्रेम सिंह, संदीप कुमार, प्रीतम सिंह, बलराज सिंह, समेर सिंह समेत अनेक लोगों ने कहा कि सिन्धु निवास की हालत को देखकर यह कहा जा सकता है कि यह काम आंदोलकारियों का नहीं हो सकता है। आंदोलन में छोटी मोटी घटना तो आगजनी की हो जाती है। लेकिन वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु की कोठी को तो साजिश के तहत ही जलाया गया है। आगजनी की घटना को अंजाम देने से पहले इसकी योजनाएं कई दिन लोगों द्वारा बनाई जा रही थी। प्रेम सिंह ने कहा कि वित्त मंत्री तो इस पक्ष में थे कि जाटों को आरक्षण मिले। 

बावजूद इसके कोठी को जलाना इस बात का परिचायक है कि यह एक गहरा पडयंत्र था। प्रेम सिंह ने बताया कि उन्होंने भी आरक्षण का आंदोलन अपने जिले कैथल में चलाया था। लेकिन उनके जिले के लोगों ने तो कहीं पर भी एक छोटी से छोटी आगजनी की घटना नहीं की।हरियाणा फेडरेशन आफ यूनिवर्सिटी व कालेज टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. प्रमेश कुमार ने कहा कि कोठी जलाने की घटना को आम नहीं कहा जा सकता है। क्योंकि जिस तरह से घर जला हुआ है। उससे तो यह साफ साफ हो रहा है कि मकान जलाने की साजिश पहले से ही रची गई थी। यह भी हो सकता है कि घटना को अंजाम देने के लिए ज्वलनशील केमिकल प्रयोग किए गए हों। क्योंकि घर का एक भी कोना ऐसा नहीं बचा है, जो न जला हो। घर की एक-एक चीज टारगेट पर थी। पहले दिन कोठी में आग लगाई गई। लेकिन जब उपद्रवियों को यह जानकारी मिली कि कोठी पूरी तरह से नहीं जली है तो फिर दूसरे दिन आग लगा दी गई। अध्यक्ष ने कहा कि अ तक हम तो सिर्फ यह अनुमान लगा रहे थे कि आगजनी की छोटी मोटी घटना हुई होगी। लेकिन मौका देखने के बाद यह मालूम हुआ कि यहां तो बचा ही कुछ नहीं है। जिन लोगों ने ऐसी घटना को अंजाम दिया है, उनको समाज कभी माफ नहीं करेगा। इतना बड़ा नुकसान झेलने के बाद भी स्व.चौधरी मित्रसेन सिंधु के परिवार ने आपा नहीं खोया। यह सबसे बड़ी बात है।