5 Dariya News

चंडीगढ़ हवाईअड्डे से अंतर्राष्ट्रीय उड़ान नहीं होने पर अदालत सख्त

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चंडीगढ़ 15-Apr-2016

चंडीगढ़ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अब तक 1,400 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन अभी तक यहां से कोई अंतराष्ट्रीय उड़ान शुरू नहीं हुई है। दुनिया से शहर को जोड़ने वाले इस हवाईअड्डे की शुरुआत बहुत धूम-धड़ाके से हुई थी, लेकिन फिर आगे कुछ नहीं हुआ। अब इस पर पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने सख्त रवैया अपनाया है। उच्च न्यायालय ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय, हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई), नागर विमानन के महानिदेशक (डीजीसीए) और दूसरी केंद्रीय एजेंसियों को फटकार लगाते हुए कहा कि इतना ज्यादा पैसा खर्च करने के बावजूद अभी तक अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें क्यों नहीं शुरू हुईं हैं? 

न्यायमूर्ति एस. एस. सारोन और न्यायमूर्ति गुरमीत राम की पीठ ने संबंधित अधिकारियों खासकर एएआई से कहा कि इस मामले की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कहा जा सकता है।इस मुद्दे को लेकर मोहाली इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। याचिकाकर्ताओं के वकील ने हाल ही में उच्च न्यायालय में दलील दी, "देश से बाहर रहने वालों में से 40 फीसदी लोग इस क्षेत्र के हैं। अगर चंडीगढ़ हवाईअड्डे से अंतराष्ट्रीय उड़ानें शुरू होती हैं तो दिल्ली हवाईअड्डे का व्यापार प्रभावित होगा। इसलिए जान बूझकर देर की जा रही है।"हवाईअड्डा परियोजना से जुड़े सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि दिल्ली में बैठे अधिकारी नहीं चाहते कि इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को नुकसान हो, जहां पंजाब क्षेत्र के बहुत यात्री आते हैं। 

अगर चंडीगढ़ हवाई अड़्डे से अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें शुरू हो गईं तो उन्हें नुकसान होगा।उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने के लिए इमीग्रेशन, कस्टम जांच और सुरक्षा जांच जैसी सुविधाएं अभी तक मुहैया नहीं कराई गई हैं। यहां कि संबंधित अधिकारी अभी तक उच्च न्यायालय को भी नहीं बता पाए हैं कि अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें कब शुरू होंगी। हालांकि, उन्होंने अदालत को बताया कि अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने के लिए अभी तक 48 एयरलाइन ने संपर्क किया है जिनमें से ज्यादातर दुबई की उड़ान शुरू करना चाहती हैं। लेकिन, केवल इंडिगो और स्पाइसजेट ने इस साल के अंत तक सेवाएं शुरू करने का संकेत दिया है। 

रियल्टी क्षेत्र से जुड़े मनु अग्रवाल चंडीगढ़-दुबई उड़ान का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने आईएएनएस से कहा, "अदालत जो सवाल उठा रही है, वह बिल्कुल जायज है। चंडीगढ़ हवाई अड्डे का घरेलू टर्मिनल 2-3 साल पहले करोड़ों खर्च कर बनाया गया था। 1,400 करोड़ खर्च कर बनाए गए अंतर्राष्ट्रीय टर्मिनल से घरेलू उड़ानें ही संचालित करनी थीं तो पहले घरेलू टर्मिनल पर पैसे की बरबादी क्यों की गई? अब वह टर्मिनल बेकार पड़ा है।"

उन्होंने कहा कि नए टर्मिनल पर अगले कुछ महीनों में अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के शुरू होने की कोई संभावना नहीं है। ऐसे में जनता के पैसों की बरबादी के लिए कौन जिम्मेदार है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल सितंबर में नए एयरपोर्ट टर्मिनल का उद्घाटन किया था। यह नया टर्मिनल चंडीगढ़ से 15 किलोमीटर दूर मोहाली में बनाया गया है। पंजाब सरकार ने तब उत्साह में घोषणा की थी कि चंडीगढ़ हवाई अड्डे से पहली अंतर्राष्ट्रीय उड़ान (पिछले साल) 19 अक्टूबर से शुरू हो जाएगी। लेकिन, जब ऐसा नहीं हुआ तो अगली तारीख 19 नबंवर घोषित की गई। लेकिन, तब भी उड़ानें शुरू नहीं हो पाईं। चंडीगढ़ हवाई अड्डे का नियंत्रण भारतीय वायु सेना के पास है, जो रक्षा मंत्रालय के तहत है। मंत्रालय यहां शाम 8 बजे से सुबह 6 बजे के बीच वाणिज्यिक उड़ानों की इजाजत नहीं देता है, जबकि यही वक्त अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए सबसे व्यस्त वक्त होता है। इस हवाईअड्डे से रोजाना 25 घरेलू उड़ानें संचालित होती है जो दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और श्रीनगर जैसे शहरों के लिए होती हैं।