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डा.महीर शाह प्रोजेक्ट पूरा होने से 60 हज़ार हेक्टेयर क्षेत्र होगा सेम मुक्त-शरणजीत सिंह ढिल्लों

पाइपों को ज़मीन के नीचे बिछाने के लिए चार ट्रैचिंग मशीनें नीदरलैंड से खरीदी

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चंडीगढ़ 08-Apr-2016

डा. महीर शाह प्रोजेक्ट पूरा होने से राज्य के सेम प्रभावित दक्षिणी-पश्चिमी क्षेत्र का कुल  60 हज़ार हैक्टेयर क्षेत्र सेम मुक्त हो जाएगा और राज्य के सेम प्रभावित किसानों की ज़मीन पुन: कृषि करने योगय हो जाएगी।यह जानकारी देते हुए पंजाब के सिंचाई मंत्री शरणजीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि पंजाब सरकार राज्य के समूचे सेम प्रभावित क्षेत्रों को सेम मुक्त करने के लिए गत् कई वर्षों से लगातार यत्न कर रही है। राज् य सरकार के कड़े यत्नों के साथ केन्द्र सरकार द्वारा राज्य के दक्षिणी-पश्चिमी क्षेत्रों  में से सेम खत्म करने हेतू 2246 करोड़ रूपए की कुल लागत वाला डा. महीर श़ाह प्रोजेक्ट स्वीकृत किया गया था। ढिल्लों ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के  कुल तीन हिस्से हैं जिनमें से दो हिस्से राजस्थान और सरहिंद फीडर की रीलाईनिंग पर 1286 करोड़ और एक हिस्से, ड्रेनेज़ सरफेस और सब सरफेस वक्र्स पर 960 करोड़ रूपए खर्चे किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट तहत 320 करोड़ रूपए के विभिन्न कार्य निर्माणाधीन हैं।

सिंचाई मंत्री ने बताया कि सब सरफेस स्कीमों के लिए पाइपों को ज़मीन के नीचे बिछाने के लिए 25 करोड़ रूपए की लागत से 4 ट्रैचिंग मशीनों को नीदरलैंड से खरीदी जा चुकी हैं और इन मशीनों द्वारा दक्षिणी-पश्चिमी एरिया में सब सरफेस स्कीमें बिछाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट लागू होने से 60 हज़ार हैक्टेयर क्षेत्र को सेम से राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट तहत पंजाब के दक्षिणी-पश्चिमी सेम प्रभावित क्षेत्र में सब सरफेस स्कीमें, पक्के वक्र्स, ड्रेनों की डीसिलटिंग, ड्रेनों को चौड़ा करना और लिफट स्कीमें, ड्रेनों की लाईनिंग और नई ड्रेनों के निर्माण के कार्य करवाए जाएंगे।स.ढिल्लों ने आगे बताया कि वर्तमान वर्ष दौरान डिप्टी कमिश्ररों द्वारा दर्शाए गए स्थानों पर बाढ़ नियंत्रण कार्य और ड्रेनों की सफाई करवाने हेतू प्रबंध पूरे कर लिए गए हैं और इनमें से अति संवेदनशील कार्य 98.82 करोड़ रूपए की लागत से प्राथमिकता के आधार पर करवाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा इन कार्यों के लिए फंड उपलब्ध करवा दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि जल निकास प्रशासन को 1362.88 किलोमीटर लंबाई में बांधों की, रीवर ट्रेनिंग वक्र्स जैसे कि सपॅर, स्टॅड आदि की रिपेयर और 7392 किलोमीटर लंबाई में ड्रेनों की संभाल का कार्य सौंपा गया है।