5 Dariya News

राष्ट्रीय स्तर के मुकाबलों में राज्य में पशुपालन को किया प्रफूल्लित

ब्लॉक, तहसील, जिला एवं राष्ट्रीय स्तर के मेलों पर 9 वर्षो के दौरान 26.25 करोड़ रुपये की लागत

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चंडीगढ़ 03-Apr-2016

पंजाब सरकार द्वारा पशुपालन के व्यवसाय को प्रफूल्लित करने के लिए वार्षिक पशु मुकाबले विशेष तौर पर आयोजित किये गये। इन पशु मेलों ने राज्य के पशुपालकों में बढिय़ा नस्लों के प्रति जागरूकता पैदा की है और वहीं मेहनतकश पशुपालकों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए सुनहरी अवसर भी दिये हैं।इस संबंधी जानकारी देते हुये पशु पालन, डेयरी विकास और मतस्य पालन मंत्री गुलजार सिंह रणिके ने बताया कि पंजाब सरकार ने 9 वर्षो के दौरान 26.25 करोड़ रुपये की लागत से इन मुकाबलों को योजनाबद्ध ढंग से राज्य के प्रत्येक जिले तथा ब्लॉक स्तर पर आरंभ करके राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया। मुकाबलों के दौरान अच्छी नस्लों के पशुपालकों के विजेताओं को 14.34 करोड़ रुपये की ईनामी राशि देकर प्रौत्साहित भी किया जो आजतक किसी भी राज्य सरकार द्वारा नही किया गया। 

इन पशुपालकों का मुख्य उद्धेश्य पशुपालन को सहायक व्यवसाय के तौर पर विकसित करना है।मंत्री ने बताया कि इन मुकाबलों ने राष्ट्रीय खिलाडिय़ों की तरह पशुपालकों का मूल्य विश्व स्तर पर डाला है और राष्ट्रीय मुकाबलों में विजेता पशुपालकों का मूल्य लाखों से लेकर करोड़ों रुपये तक पड़ा है जो इन राष्ट्रीय मुकाबलों की सफलता को जगजाहिर करता है। आज राज्य में भैंसों, गायों, बकरियों, भेड़ों तथा मुर्गीयों की फार्मिन्ग का स्तर तकनीकी तौर पर उंचा हुआ है जिसका सेहरा पशुपालन, डेयरी पालन, पशुालन विभाग को जाता है। पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. एच एस संधा ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा करवाये गये इन राज्य स्तरीय मुकाबलों का मुख्य उद्धेश्य राज्य के किसानों को सहायक व्यवसायों के प्रति जागरूक करके आर्थिकता को सुदृढता प्रदान करना है।

डॉ. संधा ने बताया कि राष्ट्रीय मेलों में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों द्वारा पशुपालन, मतस्य पालन, सूअर पालन आदि पशु संबंधी आधुनिक प्रचलित अनुसंधानों संबंधी जानकारी भी दी गई। जिस द्वारा पशुपालकों और किसानों को बड़े स्तर पर फायदा पहुंचा है।उन्होंने बताया कि इन मुकाबलों में घोड़ा पालन को विकसित करने के लिए विशेष तौर पर मारवाड़ी नुकरा घोड़े- घोडिय़ों के मुकाबले और खेल मुकाबले करवाये गये जिसमें भाग लेने के लिए राजस्थान, यू पी, हरियाणा आदि के पेशेवर घोड़ा पालकों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। पंजाब पुलिस और अन्य घुड़सवार टीमों ने पोलो मैच और जंपिंग शो द्वारा प्रर्दशन कर घोड़ों से संबंधित खेलों और व्यापार को यकीनी तौर पर सफलतापूर्वक प्रफूल्लित किया है।