5 Dariya News

हिमाचल में कोई राजनीतिक संकट नहीं : अंबिका सोनी

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नई दिल्ली 02-Apr-2016

वरिष्ठ कांग्रेस नेता अंबिका सोनी ने हिमाचल प्रदेश में किसी तरह के राजनीतिक संकट की बात शनिवार को खारिज कर दी। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव सोनी का बयान, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों के साथ राष्ट्रीय राजधानी में बंद कमरे में हुई उनकी एक बैठक के बाद आया है।यह बैठक कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश में भी उत्तराखंड जैसे राजनीतिक हालात पैदा होने की किसी संभावना का आकलन करने के लिए आयोजित की गई थी। सोनी ने राज्य समन्वयन समिति की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, "हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने का भाजपा का प्रयास कभी सफल नहीं होगा।"सोनी ने कहा कि उत्तरखंड में जो कुछ हुआ वह लोकतंत्र पर हमला था। उन्होंने हालांकि स्पष्ट किया कि हिमाचल में कांग्रेस में किसी तरह का कोई संकट नहीं है।

उत्तराखंड संकट के लिए भाजपा पर तीखा हमला करते हुए सोनी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी भारतीय जनता पार्टी के गैर लोकतांत्रिक रवैए के खिलाफ पूरे राज्य में विकास खंड स्तर पर विरोध प्रदर्शन आयोजित करेगी।वीरभद्र सिंह के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जारी जांच के संबंध में सोनी ने कहा, "यह मामला न्यायाधीन है, क्योंकि 2011 से जांच चल रही है और हम इसका सामना कर रहे हैं और कोई कानून से भाग नहीं रहा है।"कांग्रेस महासचिव ने कहा कि उन्होंने पार्टी नेताओं की राय जानने के लिए हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की समन्वयन समिति की बैठक बुलाई थी। बैठक में जिन अन्य लोगों ने हिस्सा लिया, उनमें कैबिनेट मंत्री विद्या स्टोक्स, कौल सिंह, जी.एस. बाली, सुजान सिंह पठानिया और मुकेश अग्निहोत्री के अलावा राज्यसभा सदस्य विप्लव ठाकुर और पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष सुखविंदर सुखू शामिल थे।विधानसभा में 31 मार्च को 2016-17 का बजट पारित होने के बाद विपक्ष के नेता प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि विपक्ष द्वारा पेश किए गए कटौती प्रस्ताव न तो वापस लिए गए और न खारिज ही किए गए।

उन्होंने शिमला में संवाददाताओं से कहा, "तकनीकी रूप से सरकार गिर गई है, क्योंकि इसके पास बहुमत नहीं रह गया है और इसलिए उसे सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।"दो बार मुख्यमंत्री रह चुके धूमल ने यह भी कहा कि कांग्रेस विधायक मुख्यमंत्री से नाखुश हैं और वे उनके संपर्क में हैं, तथा हिमाचल प्रदेश में उत्तराखंड जैसे हालात दोहराए जाने से इंकार नहीं किया जा सकता।कांग्रेस विधायक दल ने इस सप्ताह शिमला में आयोजित एक बैठक में वीरभद्र के प्रति एकजुटता जाहिर की थी और उनके नेतृत्व में भरोसा जताया था।कांग्रेस के 32 विधायकों के अलावा कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रहे चार निर्दलीय विधायक भी बैठक में उपस्थित थे।वीरभद्र ने कहा है कि भाजपा की राजनीतिक तिकड़मबाजी के बावजूद उनकी सरकार स्थिर है।