5 Dariya News

पशु पालन विभाग के प्रयासो स्वरूप राज्य में 2014-15 दौरान 76000 टन सुअर के मीट की पेदावार

ब्रिटिश पिग एसोसिएशन सुअर पालन को आधुनिक और वैज्ञानिक पगों पर बढ़ावा देने के लिए सहयोग देगी

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चंडीगढ 27-Mar-2016

पंजाब सरकार द्वारा फसली विविधता अधीन पशुपालन को राज्य में विकसित करने के लिए विभिंन सेवाएं मुहैया करवाई जा रही हैं। पशुपालन विभाग सुअर पालन को सहायक व्यवसाय के तोर पर विकसित करने के लिए विभिंन सेवाएं मुहैया करवा रहा है। जिस द्वारा किसान सुअर पालन को सहायक व्यवसाय के तौर अधिक से अधिक अपनायें।पशुपालन मंत्री गुलजार सिंह रणीके ने यहां जानकारी देते हुये बताया कि विभाग के प्रयासो स्वरूप ही पंजाब में इस समय लगभग पचास हजार सुअर और लगभग 234 अग्रणीय पेशेवर सुअर पालक है। एक अनुमान अनुसार वर्ष 2014-15 के दौरान लगभग 76 हजार टन सुअर के मीट का उत्पादन हुआ। पशुपालन विभाग ने सुअर पालकों को हर प्रकार की मदद देने के लिए चार सरकारी सुअर फार्म छज्जूमाजरा(खरड़) जिला मोहाली, गुरदासपुर , नाभा(पटियाला) मल्लवाल(फिरोजपुर)में स्थापित किये गये है। इसके अतिरिक्त पंजाब सरकार सुअर पालन को आधुनिक और वैज्ञानिक पगों पर अपनाने के लिए ब्रिटिश पिग एसोसिएशन (बीपीए)के साथ एक समझौते पर भी हस्ताक्षर करेगी।

मंत्री ने बताया कि पशुपालन विभाग द्वारा संचालित इन आधुनिक सुअर फार्मो में लारज वाईट योरक शायर नस्ल के सुअरों की ब्रिडिंग  की जाती है जो एक विदेशी नस्ल है इस नस्ल के सुअर शेष नस्लों के सुअरों से जल्दी फलते फूलते हैं और एक बार में मादा सुअर 10 बच्चे के अनुपात के हिसाब से पैदावार करती है। यह नस्ल लगभग 9 महीनों के दौरान 90 से एक किंवटल वजन तक बढ़ जाती है जिसके लिए पशुपालन विभाग वाईट योरक शायर नस्ल के सुअरों के पालन पर तबज्जो देता है। सुअर मालिकों को पैदावार के लिए 2800 से 3200 रूपये की कीमत वाले सुअरों के बच्चे (दो से तीन महीने तक के)लगभग 2000 रूपये में सस्ते रेटो पर दिये जाते हैं।पशुपालन विभाग द्वारा संचालित इन सरकारी फार्मो में सुअर पालकों को 15 दिवसीय आधुनिक तकनीकी  प्रशिक्षण देकर प्रमाण पत्र जारी किया जाता है और आरकेवीआई अधीन ऋण भी मुहैया करवाया जाता हैँ। पशुपालन विभाग ने 2009 से 2014-15 तक 110 सुअर पालको को इस ऋण की सुविधा मुहैया करवाई है।

मँत्री ने बताया कि एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले के दौरान स. प्रकाश सिंह बादल मुख्यमँत्री पंजाब ने एओवी गु्रप को लुधियाना जिले के मत्तेवाड़ा गांवों में लगभग पचास करोड़ रूपये की लागत से अति आधुनिक मीट प्रोसैसिंग प्लांट स्थापित करने के लिए सहमति दे दी है। यहां बकरियों, भेड़ों तथा सुअरों के मीट की प्रोसैसिंग की जाएगी। कंपनी यहां उच्च गुणवत्ता के मीट उप्ताद भी निर्यात करेगी ताकि सुअर पालकों को बढिय़ा मूल्य यकीनी बनाया जा सके।  गौरतलब है कि 900 करोड़ रूपये के एओवी ग्रुप का गुणात्मक मीट उत्पाद तेयार करने का बहुत बढिय़ा रिकार्ड  है। इसके ऐसे दो प्लांट पहले ही हरियाणा और उत्तरप्रदेश में चल  रहे हैं। यह कंपनी पंजीकृत सदस्य है और यह एग्रीकल्चरल एंड प्रोसैसड फूड प्रोडक्टस एक्सपोर्ट डिवैलपमैंट अथारटी (अपेडा)तथा खादय सुरक्षा एवं मापदंड अथारटी इंडिया के निर्धारित मापदंडों पर चलती है।