5 Dariya News

नवयुकों को समृद्ध विरसे से जोडऩे के लिए विरासती यादगारों का अह्म योगदान-सोहन सिंह ठंडल

सांस्कृतिक मामलो संबंधी मंत्री ने रंधावा उत्सव के दौरान हुए शामिल

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चंडीगढ़ 02-Mar-2016

नवयुवकों और आने वाली पीढ़ी को सम़द्ध विरसे से जोडऩे के लिए पंजाब सरकार द्वारा बनाई विरासती यादगारों की अह्म भूमिका है। यह बात पंजाब के  संस्कृतिक व पर्यटन मामले संबंधी मंत्री सोहन सिंह ठंडल ने गत् रात्रि सैक्टर-16 स्थित पंजाब कला भवन में डा.एम एस रंधावा उत्सव दौरान सम्बोधन करते कहा।स. ठंडल ने कला भवन के ऑडीटोरियम में उपस्थित दर्शकों का आह्वान किया कि बच्चों को पंजाबी मातृ भाषा और समृद्ध विरसे से जोडऩे के  िलए ऐसे कला, सांस्कृतिक व साािहत्य के समागमों में बच्चों को कला लेकर परिवार सहित आना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि डा. रंधावा की पंजाबी सभ्याचार, साहित्य व कला को बहुत बड़ी देन थी और ऐसी गौरवमयी व्यक्तित्वों को ऐसे समागम द्वारा याद करना सच्ची श्रद्धांजलि है। सांस्कृतिक मामलों संबंधी मंत्री ने बताया कि पंजाब सरकार ने गत् नौ वर्षों में बड़े प्रोजेक्ट सम्पूर्ण किए हैं और इनमे ंसबसे प्रमुख विरासती यादगारें बनाने का है। उन्होंने कहा कि विरासत-ए-खालसा, बड़ा घल्लूघारा, छोटा घल्लूघारा व चप्पड़चिड़ी में बाबा बंदा सिंह बहादुर की यादगार आने वाली पीढ़ी को संस्कृति से जोडऩे में अह्म भूमिका निभा रही है। 

उन्होंने कहा कि देश भगतों एवं स्वतंत्रता संगरामियों को समर्पित जंग-ए-आजादी यादगार निर्माणाधीन है। उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी को इतिहास से अवगत करवाना सबसे आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आज पंजाबी  भाषा विश्व के कोने-कोने में बोली जा रही है जिस पर समूचे पंजाबियों को गर्व है। उन्होंने कहा कि बच्चों को अधिक से अधिक भाषाएं सिखाना बढिय़ा बात है परंतु पंजाब मातृ भाषा से दूर करना सबसे बड़ा गुनाह है।स.ठंडल ने पंजाब कला परिषद की चेयरमैन बीबी हरजिंदर कौर को बधाई देते हुए कहा कि रंधावा उत्सव चंडीगढ़ निवासियों को कला से जोडऩे का बहुत बढिय़ा प्रयास है। इससे पूर्व बीबी कला परिषद द्वारा स. ठंडल को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर नाटक की नक्कड़दादी नौरा रिचर्ड के जीवन संबंधी प्रसिद्ध नाटकार केवल धालीवाल द्वारा निर्देशित नौरा खेला गया जिसे बहुत बढिय़ा समर्थन मिला।