5 Dariya News

पंचायती प्रतिनिधियों के मसलों संबंधी उच्च स्तरीय कमेटी का गठन

मलूका द्वारा पंचायती प्रतिनिधियों के साथ बैठकें

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चंडीगढ़ 01-Mar-2016

पंजाब के ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के चुने हुए प्रतिनिधियों की मुश्किलों के हल के लिए विभाग के निदेशक के नेतृत्व में उच्च स्तरीय कमेटी कायम की गई है। इस कमेटी में विभाग के सीनियर अधिकारी, जिला परिषदों के चेयरमैन, ब्लॉक समिति के चेयरमैन और सरपंचों को शामिल किया गया है। इन विंगों के कमेटी में शामिल प्रतिनिधि निदेशक के नेतृत्व में बनी कमेटी के साथ विभिन्न बैठकें कर संबंधित मसलों संबंधी अपनी राय देंगे। यह फैसला ग्रामीण विकास और पंचायतों संबंधी कैबिनेट मंत्री स.सिकंदर सिंह मलूका के नेतृत्व में विकास भवन मोहाली में पंचायती संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ हुई विभिन्न बैठकों में लिया गया है।

स.मलूका ने विभाग में नव-नियुक्त सचिव स.दीपीन्द्र सिंह, निदेशक सुखजीत सिंह बैंस और अन्य सीनियर अधिकारियों सहित पंचायती संस्थाओं के चुने हुए प्रतिनिधियों के साथ दिनभर बैठकें की। स.मलूका इन बैठकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि उनकी मुश्किलों के हल के लिए विभाग के निदेशक के नेतृत्व में बनाई कमेटी को तुरंत बैठकें आरंभ कर रिर्पोट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है और उस रिर्पोट के आधार पर समय पर कार्रवाई की जाएगी यदि इसी मसले को कैबिनेट की स्वीकृति की आवश्यकता पड़ी तो वह कैबिनेट में भी लेकर जाएंगे। उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं को चुने हुए प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने का उद्धेश्य उनके पास सीधे तौर पर विभाग की जानकारी हासिल करना है ताकि विकास कार्यों में ओर तेज़ी लाई जा सके। उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठजोड़ सरकार की प्राथमिकता है कि लोकतंत्र की सबसे निम्र कडिय़ों, पंचायता राज संस्थाओं का अधिक मान-सम्मान हो इस उद्धेश्य के लिए मान भत्तों में बढ़ोतरी करने सहित पहले ही कई फैसले लिए जा चुके हैं।

स.मलूका ने कहा कि शीघ्र ही वह जिला स्तर पर भी पंचायती राज संस्थाओं के चुने हुए प्रतिनिधियों के साथ बैठकें करेंगे ताकि विकास और विभाग के कामकाज संबंधी उनकी सीधी राय प्राप्त की जा सके। विकास भवन मोहाली में जिला परिषदों के चेयरमैनों, ब्लॉक समितियों के चेयरमैनों औेर सरपंचों के साथ हुई बैठकों में जहां प्रतिनिधियों ने उनके मानदेय में बढ़ोतरी करने और बैठके बुलाने के लिए धन्यवाद किया वहीं उनके द्वारा अपनी मुश्किलों के हल के लिए खुलकर जानकारी दी गई। उनके द्वारा अधिकारों के प्रयोग और प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण देने पर भी बल दिया गया। जिक्रयोगय है कि विभाग में इस प्रकार बैठकें बुलाकर पंचायती प्रतिनिधियों की राय लेने की यह नई रिवायत डाली गई है।