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रेल बजट में दिखी डिजिटल इंडिया की झलक

5 Dariya News (राजीव रंजन तिवारी)

25-Feb-2016

रेलवे भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है। लंबे समय से रेल बजट का फोकस लोक-लुभावन घोषणाओं पर रहा है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इस सिलसिले को तोड़ने का प्रयास किया है। पूरे रेल बजट की समीक्षा से यह ज्ञात हो रहा है कि प्रभु ने डिजिटल इंडिया पर फोकस किया है। यूं कहें कि बजट में डिजिटल इंडिया झलक साफ देखी जा सकती है। रेल मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया के जरिए यात्रियों को सुविधाएं पहुंचाई जाएंगी। अभी यात्री सोशल मीडिया के जरिए जो शिकायत करते हैं उन पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है। ४०० रेलवे स्टेशनों को वाई-फाई युक्त बनाया जाएगा और इस साल १०० स्टेशनों पर यह सुविधा होगी। ४०० स्टेशनों का सार्वजनिक निजी भागीदारी के जरिए आधुनिकीकरण किया जाएगा। हर साल फरवरी में देश की जनता टीवी और अख़बारों के ज़रिए रेल मंत्री की नई घोषणाओं को जानती है और हिसाब लगाती है कि उनके गांव या शहर तक जाने के लिए कितना किराया बढ़ा है, कितना घटा है, कितनी नई ट्रेनें शुरू हुई हैं और किस शहर या राज्य पर रेल मंत्रालय की मेहरबानी नहीं हुई है।

भारतीय रेल के बाबत खास बात यह है कि भारत उन चुनिंदा देशों में से है जहां एक अलग रेल मंत्रालय है और जहां आम बजट से अलग हटकर रेल बजट पेश किया जाता है। लंबे समय से आलोचक यह बहस करते आए हैं कि देश में रेल बजट को हटाकर उसे मुख्य बजट में शामिल कर देना चाहिए। इसके जवाब में भारतीय रेलवे को दुनिया के सबसे बड़े नेटवर्क में से एक बताकर १९२४ में शुरू हुई भारतीय रेल बजट की परंपरा के महत्व को समझाया जाता रहा है। भारत के अलावा, चीन, पाकिस्तान और उत्तरी कोरिया में अलग से रेल मंत्रालय है, वहीं अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया जैसे कई देशों में रेल विभाग, परिवहन मंत्रालय के ही देख-रेख में आता है। विदेश, रक्षा, वित्त, यह कुछ ऐसे मंत्रालय हैं जो लगभग हर देश में होते हैं लेकिन इसके अलावा राष्ट्र अपनी ज़रूरतों के हिसाब से मंत्रालयों का निर्माण करते हैं। जिस तरह भारत की विशाल भौगौलिक स्थिति और उतने ही बड़े रेल नेटवर्क को ध्यान में रखते हुए ब्रिटिश साम्राज्य के दौरान ही रेल मंत्रालय बना दिया गया था, उसी तरह कई देशों में ऐसे विभाग हैं जो भारत में नहीं पाए जाते हैं। प्रभु ने रेल की गति बढ़ाने का खाका पेश किया। भारतीय रेल दुनिया में सबसे धीमी चलती है। 

रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने लोकसभा में २०१६-१७ का रेल बजट पेश किया। उन्होंने कहा कि हमारा मुख्य उददेश्य रेल को आर्थिक वद्धि का इंजन बनाना, रोजगार पैदा करना और उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधाएं देना है। कहा कि शुल्क राजस्व के अतिरिक्त राजस्व के नये स्रोतों का दोहन करेंगे। उम्मीद जताई कि परिचालन अनुपात वर्तमान वर्ष के ९० प्रतिशत की तुलना में ९२ प्रतिशत होगा। वित्त वर्ष २०१५-१६ के बजट में बिजली समेत ईंधन लागत में ८,७२० करोड़ रूपये की बचत होगी। २०२० तक आम आदमी की ज़रूरतों को पूरा किया जा सकेगा। साथ ही वित्त वर्ष २०१६-१७ में रेलवे पूरी तरह से कागज मुक्त अनुबंध व्यवस्था को अपना लेगा। बड़े पैमाने पर लंबित पुराने कार्यों को पूरा करने और भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पूंजी व्यय को मजबूत बनाया है और पूंजी व्यय की दर बढायी है। वित्त वर्ष २०१६-१७ के लिए इस साल हमारा निवेश १.२१ लाख करोड़ रुपए रहेगा। अगले साल २,८०० किलोमीटर के नए ट्रैक का परिचालन शुरू करने की घोषणा की गई है। रेलवे विद्युतीकरण पर खर्च में ५० प्रतिशत वद्धि की जाएगी। अगले वित्त वर्ष में २००० किलोमीटर रेल मार्ग का विद्युतीकरण किया जायेगा। रेलवे को सरकार से ४०,००० करोड़ रुपए का बजटीय समर्थन मिलेगा। रेलवे वित्त वर्ष २०१७-१८ में नौ करोड़ और वित्त वर्ष २०१८-१९ में १४ करोड़ मानव दिवस सृजित करेगा। यात्रियों के किराये में सब्सिडी के चलते रेलवे को ३० हजार करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है। मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि पीएम मोदी के विजन को साकार करना है और बजट की प्रेरणा पीएम मोदी से मिली है। रेलवे ने टैरिफ बढ़ाकर आमदनी बढ़ाई है और हर एक रुपये का हिसाब रखा गया है। ये बड़ी चुनौतियों का समय है, लेकिन रेलवे को अंतर्राष्ट्रीय दर्जे का बनाने के लिए काम कर रहे हैं। ७वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने से रेलवे पर बोझ बढ़ेगा। 

वित्त वर्ष २०१७ में ऑपेरटिंग रेश्यो ९२ फीसदी के मुकाबले ९० फीसदी रहने का अनुमान है। लागत कम करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं और आय १० फीसदी बढ़ाने का लक्ष्य है। इस साल रेलवे को ८७२० करोड़ रुपये की बचत की उम्मीद है। वित्त वर्ष २०१७ में १.२१ लाख करोड़ रुपये का खर्च करेंगे, जो सालाना आधार २१ फीसदी ज्यादा है। वहीं वित्त वर्ष २०१७ में आय का लक्ष्य १.८५ लाख करोड़ रुपये है। रेलवे में पिछले साल के मुकाबले दोगुना निवेश हुआ है। वित्त वर्ष २०१७ में यात्री किराए से ५१०१२ करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है, जो सालाना आधार पर १२.४ फीसदी ज्यादा है। वित्त वर्ष २०१७ में ढुलाई से १.१८ लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य है। एलआईसी ने अगले ५ साल में १.५ लाख करोड़ रुपये का निवेश का वादा किया है। वित्त वर्ष २०१७ में पेंशन पर ४५४०० करोड़ रुपये खर्च होगा। रेलवे की मेक इन इंडिया से ४०००० करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। वित्त वर्ष २०१७ में पीपीपी के जरिए मड़गांव और हजीरा में पोर्ट बनाएंगे। वित्त वर्ष २०१७ में सरकार से ४०००० करोड़ रुपये के बजटीय मदद की जरूरत है। ४०००० करोड़ रुपये से २ डीजल इंजन फैक्ट्री लगाएंगे। रेलवे में पीपीपी मॉडल पर जोर होगा और सुरक्षा सुधारों पर सरकार का जोर होगा। रेलवे का टॉयलेट सुधार पर फोकस रहेगा और चौड़े रेल ट्रैक लगाने की योजना है। बिजली से चलने वाली ट्रेनों पर फोकस रहेगा। वित्त वर्ष २०१८ में प्रतिदिन ९ किलोमीटर ब्रॉडगेज लाइन का निर्माण किया जाएगा, जबकि वित्त वर्ष २०१९ में प्रतिदिन १३ किलोमीटर ब्रॉडगेज लाइन का निर्माण किया जाएगा। वित्त वर्ष २०१७ में २००० किलोमीटर लाइन का विद्युतीकरण करेंगे। २ लोकोमोटिव फैक्ट्री लगाने की योजना है। ३ नए फ्रेट कॉरिडोर बनाए जाएंगे। रेलवे में ऑनलाइन भर्तियां होंगी और ज्यादा से ज्यादा कंप्यूटर का इस्तेमाल होगा। २०२० तक हर यात्री को कंफर्म टिकट देने की योजना है। जनरल कोच में मोबाइल चार्ज की सुविधा देंगे। १७०० ऑटो वेंडिंग मशीन और २५०० वॉटर वेंडिंग मशीन लगाने की योजना है। रेलवे में सुरक्षा हेल्पलाइन नबंर १८२ होगा और मौजूदा ३११ स्टेशन सीसीटीवी से लैस होंगे। ४०० स्टेशनों के आधुनिकीकरण की योजना है और २ साल में ४०० स्टेशन वाई-फाई सुविधा से लैस होंगे। १७००० बायो-टॉयलेट बनाने की योजना है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए कोटा ५० फीसदी बढ़ाया गया है। हर ट्रेन १२० सीट बुजुर्गों के लिए आरक्षित होंगे। 

रेलवे मंत्री सुरेश प्रभु ने हमसफर, तेजस और उदय नाम से ३ नई ट्रेनों का एलान किया है। हमसफर ३-एसी ट्रेन होगी, जबकि उदय डबल डेकर एसी ट्रेन होगी। तेजस की रफ्तार १३० किलोमीटर प्रति घंटा होगी। साथ ही लंबी दूरी के लिए सभी अनारक्षित सीटों वाली अंत्योदय एक्सप्रेस ट्रेन शुरू की जाएगी। देश के धार्मिक स्थलों को जोड़ने के लिए आस्था ट्रेन शुरू करने की योजना है। रेल मंत्री ने नया रेल फंड बनाने की योजना का एलान किया है और रेल सफर का बीमा कराने की योजना है। दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर की ऑनलाइन बुकिंग और सभी सवारी डिब्बे ब्रेल इनेबल्ड किए जाएंगे। मुंबई मेट्रो को रेलवे से जोड़ने की योजना है और ट्रेनों में एफएम रेडियो की सुविधा का प्रस्ताव है। माल भाड़े की समीक्षा की जाएगी और अभी माल भाड़ा नहीं बढ़ेगा। रेलवे बोर्ड का पुनर्गठन सबसे महत्वेपूर्ण सुधार है, इसके लिए पीपीपी सेल बनेगा। प्रभु का मिशन अप्रोच अच्छा है। नई ट्रांसपोट लॉजिस्टक्सस कंपनी को रेलेवे के पुनर्गठन की शुरुआत मान सकते हैं। रेलवे भाड़े कारोबार को यात्री से अलग करने की शुरुआत कर रही है। रेलवे यात्रियों के डाटा का कमर्शियल इस्ते माल करेगा। प्रभु ने ट्रांसपेरेंसी पर जोर दिया है कई क्षेत्रों में थर्ड पार्टी ऑडिट की शुरुआत। कैटरिंग के लिए आईआरसीटीसी का पुनर्गठन सुविधाएं बेहतर करेगा। ई-ऑर्डर सर्विसेज पर जोर दिया गया है। हाईस्पीनड कॉरीडोर के लिए स्पेाशल परपज वेहिकल से नए निवेश की संभावना बढेगी। रेलवे ने पिछले साल २४००० करोड़ रुपये के ठेके जारी किए थे। इस साल इन पर गति दिखने की उम्मीेद है। सांसद क्षेत्र विकास योजना को रेलवे से जोडने की पहल अच्छी है। 

संपर्कः राजीव रंजन तिवारी, द्वारा- श्री आरपी मिश्र, ८१-एम, कृष्णा भवन, सहयोग विहार, धरमपुर, गोरखपुर (उत्तर प्रदेश), पिन- २७३००६. फोन- ०८९२२००२००३.