5 Dariya News

जम्मू एवं कश्मीर में जल्द बन सकती है पीडीपी-भाजपा सरकार

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जम्मू/श्रीनगर 12-Feb-2016

इस बात के आसार हैं कि जम्मू एवं कश्मीर का राजनैतिक गतिरोध अगले हफ्ते तक खत्म हो सकता है और राज्य में जल्द ही पीडीपी-भाजपा गठबंधन की सरकार काम करती नजर आ सकती है।पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि गठबंधन सरकार फरवरी खत्म होने से पहले अस्तित्व में आ सकती है।

महबूबा अभी तक यह कह रही थीं कि वह मुख्यमंत्री पद तभी संभालेंगी जब केंद्र सरकार विश्वास बहाली के कुछ उपायों का ऐलान करेगी। लेकिन, अब लग रहा है कि उन्होंने भाजपा से हाथ मिलाने का फैसला कर लिया है।भाजपा सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि भाजपा महासचिव तथा जम्मू एवं कश्मीर में पार्टी मामलों के प्रभारी राम माधव, महबूबा मुफ्ती से बात करने के लिए अगले हफ्ते आने वाले हैं।एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने आईएएनएस से कहा, "गठबंधन के एजेंडे पर पुनर्विचार नहीं होगा। इस बात को हमने साफ कर दिया है। राम माधवजी, महबूबाजी से यही कहेंगे कि एजेंडे पर पुनर्विचार संभव नहीं है लेकिन इस पर अक्षरश: अमल किया जाएगा।"

भाजपा नेताओं ने कहा कि उनकी पार्टी महबूबा के मुख्यमंत्री पद के शपथ लेने की पूर्व शर्त के रूप में अलगवादियों से वार्ता को मंजूरी नहीं देगी। न ही आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट (आफ्सपा) को आंशिक या पूरी तौर से वापस लेने पर सहमत होगी और न ही सेना से वे जमीनें खाली करने की बात का समर्थन करेगी जिन पर सेना का कब्जा है। भाजपा के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर आईएएनएस से कहा, "सच्चाई यह है कि गठबंधन बना हुआ है और हम जल्द ही जम्मू एवं कश्मीर में सरकार बनाने जा रहे हैं।"महबूबा ने कहा था कि वह सरकार बनाने में सक्षम नहीं हैं क्योंकि उनके पास उनके पिता (दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद) जैसे 'मजबूत कंधे' नहीं हैं। इस पर भाजपा नेता ने कहा, "महबूबा को इस बात का हक है कि वह दोनों दलों से पूर्ण समर्थन को सुनिश्चित करें।"उन्होंने कहा, "वह जम्मू, कश्मीर घाटी और लद्दाख के लिए केंद्र सरकार से रियायतें चाहती हैं। यही गठबंधन का एजेंडा भी कहता है। फिर भ्रम कहां है?"नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री ने आईएएनएस से कहा कि उनकी पार्टी को इस बात में कभी कोई संशय नहीं रहा कि महबूबा सार्वजनिक तौर पर चाहे जो भी कहें, अंत में वह भाजपा के साथ ही जाएंगी।उन्होंने महबूबा पर भ्रम पैदा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "महबूबा ने कहा था कि वह आगे नहीं जा सकतीं (गठबंधन के साथ) और फिर भी इसे तोड़ा नहीं। इसका क्या मतलब हुआ?"कुछ रपटों में कहा गया है कि पीडीपी को संतुष्ट करने के लिए केंद्र सरकार एनएचपीसी की जलविद्युत परियोजना को राज्य सरकार के स्वामित्व में सौंप सकती है।अगर ऐसा हुआ और राम माधव से वार्ता संतोषजनक रही तो फिर जम्मू एवं कश्मीर में चुनी हुई सरकार का रास्ता साफ हो सकता है।