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पंजाब ने केंद्रीय पूल में चावल भेजने का नया रिकार्ड कायम किया-आदेश प्रताप सिंह कैरों

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चंडीगढ़ 07-Feb-2016

पंजाब राज्य ने केंद्रीय पूल में चावल भेजने का नया रिकार्ड कायम किया है। यह जानकारी खाद्य मंत्री आदेश प्रताप सिंह कैरों द्वारा इस संबंध में विशेष तौर पर विभाग के अधिकारियों की बुलाई गई बैठक में जिक्र किया। बैठक में वर्ष 2015-16 के दौरान केंद्रीय अनाज भंडार में भेजे गये चावलों की रसद संबंधी समीक्षा की गई। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने किसानों से धान की फसल तय किये न्यूनतम समर्थन मूलय पर खरीद कर इसको चावल मालिकों के  हवाले कर इसकी छंटाई करवाई। इसके बाद यह चावल एफसीआई के द्वारा केंद्रीय पूल में भेजा गया। स. कैरों ने इस समूची प्रक्रिया की समीक्षा करने के लिए आज की बैठक में अधिकारियों से जानकारी हासिल की। 

कैरों के अनुसार इस वर्ष 31 जनवरी तक राज्य सरकार ने केंद्रीय अनाज भंडारण में चावल भेजने का नया रिकार्ड कायम किया है। उन्होंने बताया कि 2012-13 में केंद्रीय अनाज भंडार में कुल चावलों का 23.7 प्रतिशत कोटा पंजाब द्वारा दिया गया जोकि बढ़कर 2013-14 दौरान 28.6 प्रतिशत हो गया था। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार राज्य सरकार ने केंद्रीय अनाज भंडार में चावलों का कोटा बढ़ाते हुये वर्ष 2014-15 में कुल केंद्रीय अनाज भंडार में 45.2 प्रतिशत हिस्सा पूरा किया। इसी प्रकार मौजूदा वर्ष 2015-16 में नया रिकार्ड कायम करते हुये केंद्रीय पूल में चावलों का कुल 53.6 प्रतिशत हिस्सा पंजाब ने पूरा किया है। इस सफलता का सेहरा उन्होंने पंजाब सरकार द्वारा किये गये विशेष प्रयासों को दिया। उन्होंने बताया कि विभाग ने कुछ वर्षो के दौरान चावलों की खरीद और चावल मिलों में इसके स्टॉक करने की प्रक्रि या को और अधिक पारदर्शी तथा चुस्त किया है। 

उनहोंने बताया कि विभाग ने गत् 2-3 वर्षो के दौरान चावलों की संभाल में बढ़ौतरी करते हुये 50 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर स्टोरेज की क्षमता बढ़ाई। सूचना तकनीक के द्वारा विभाग ने नई पहलकदमी करते हुये चावलों की खरीद से लेकर किसानों को पैसे के भुगतान तथा एफ सी आई को भुगतान की प्रक्रिया को अधिक सुचारू तेज किया जिससे बैंकों को दिये जाने वाले व्याज में कमी आई और आढ़तियों, किसान, पल्लेदार,और ठेकेदारों के साथ-साथ समूह खरीद एजेंसियों को भुगतान समय पर किया गया। उन्होंने विश्वास प्रगट किया कि आने वाले समय दौरान विभाग द्वारा उपज की खरीद से लेकर इसकी स्टोरेज़ और उपभोक्ताओं को वितरण तक की समूची प्रक्रिया को 100 प्रतिशत कंप्यूटरीकृत कर दिया जायेगा जिससे विभाग की कारगुज़ारी में बढ़ौतरी होने के साथ-साथ समूची प्रक्रिया पारदर्शी और सुचारू हो जायेगी।