5 Dariya News

पंजाब सरकार द्वारा श्रमिकों के बच्चों को दिये जाने वाले वजीफे में भारी बढ़ौतरी

अब 6वीं कक्षा से मिलेगा श्रमिकों के बच्चों को छात्रवृति

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चंडीगढ़ 04-Feb-2016

पंजाब लेबर वेलफेयर की एक अह्म बैठक चुन्नी लाल भगत श्रम मंत्री पंजाब की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान कई अह्म फैसलों को स्वीकृति दी गई जिनमें मुख्य तौर पर बोर्ड में चल रहे छात्रवृति स्कीम तहत औद्योगिक श्रमिकों के बच्चों को जो  छात्रवृति पहले 9वीं क्लास की जगह अब छात्रवृति का लाभ 6वीं कक्षा से उपर की कक्षाओं तक दिया जायेगा। इस फैसले के तहत 6वीं से 8वीं कक्षा के लडक़ों को 5 हजार रुपये और लड़कियों को 7 हजार रुपये वार्षिक दिया जायेगा। 9वीं और 10वीं कक्षा के बच्चों को पहले 5000 रुपये दिया जाता था जो बढक़र लडक़ों के लिए 10 हजार रुपये और लड़कियों के लिए 13 हजार रुपये कर दिया गया है जबकि पल्स 1 और पल्स 2 के विद्यार्थीयों की भी छात्रवृति 5000  रुपये से बढ़ाकर लडक़ों के लिए 20 हजार रुपये तथा लड़कियों के लिए 25 हजार रुपये वार्षिक कर दिया गया है। इसी प्रकार उच्च शिक्षा जैसे कि कालेज विद्यार्थी, आई टी आई/पॉलीटैकनिक आदि पेशेवर शिक्षा के लिए भी छात्रवृति की 15 हजार रुपये की राशि बढ़ाकर लडक़ों की छात्रवृति 25 हजार रुपये और लड़कियों की 30 हजार रुपये कर दी गई है। चिकित्सा तथा इंजीनियरिंग क क्षाओं के विद्यार्थीयों के लिए छात्रवृति की राशि 30 हजार से बढ़ाकर लडक़ों के लिए 40 हजार रुपये तथा लड़कियों के लिए 50 हजार रुपये वार्षिक कर दी गई है। 

इसके अतिरिक्त कालेज विद्यार्थी और उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थीयों के लिए होस्टल का खर्चा क्रमश: 15 हजार रुपये और 20 हजार रुपये वार्षिक देने का भी फैसला किया गया है। औद्योगिक श्रमिकों की लड़कियों की शादी के लिए शगुन स्कीम में पहले निर्धारित रेत 21 हजार रुपये से बढ़ाकर 31 हजार रुपये कर दिया गया है। यदि लाभपात्री छात्रवृति या शगुन स्कीम का लाभ राज्य सरकार के किसी अन्य स्कीम में से ले रहा है तो भी उसको यह लाभ मिलेगा। औद्योगिक श्रमिकों या उनके परिवार के सदस्य क ी मौत होने के पश्चात पंजाब राज्य में अंतिम संस्कार और अंतिम अरदास के खर्चे के लिए बोर्ड द्वारा 20 हजार रुपये की वित्तीय सहायता देने का भी फैसला लिया गया है। बैठक के दौरान मोहाली में श्रम वर्ग की सुविधा के लिए निर्मित किये जा रहें मॉडल वेलफेयर सैंटर की प्रगति संबंधी चर्चा की गई कि यह ईमारत का निर्माण मई 2016 से पूर्व संपूर्ण हो जायेगा। यह भी बताया गया कि बोर्ड के कार्य में पारदर्शिता लाने के लिए बोर्ड के काम-काज का कंप्यूटरीकरण भी किया जा रहा है। 

बैठक के दौरान सदस्य सचिव द्वारा अवगत् करवाया गया कि बोर्ड की आय का मुख्य स्त्रोत औद्योगिक श्रमिक तथा औद्योगिक नियोजकों द्वारा दिये जाने वाला अंशदान है जोकि श्रमिक द्वारा 5 रुपये प्रतिमाह और नियोजकों द्वारा 20 रुपये प्रति महीना दिया जाता है और उम्मीद है कि इस वित्तीय वर्ष के अंत तक बोर्ड की वार्षिक आय लगभग 16-17 करोड़ रुपये हो जायेगी। बैठक में प्रधान सचिव श्रम डॉ. रोशन शंकारिया, आई ए एस श्रम आयुक्त, पंजाब श्री तजिंदर सिंह धालीवाल आई ए एस और अन्य सदस्य सहिबान द्वारा भाग लिया गया।