5 Dariya News

स्वराज अभियान अभी चुनावी राजनीति से रहेगा दूर : प्रशांत भूषण

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कोलकाता 31-Jan-2016

स्वराज अभियान के नेता प्रशांत भूषण ने रविवार को कहा कि उनके संगठन का अभी तत्काल चुनावी राजनीति में आने को कोई इरादा नहीं है। भूषण ने देश में लोकतांत्रिक सुधार एवं चुनाव सुधार के लिए बड़े पैमाने पर जनांदोलन का आह्वान किया। 'भ्रष्टाचार से लड़ाई-चुनाव सुधार के जरिए' विषय पर आयोजित एक जनसभा में उन्होंने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर भी हमला बोला। उन्होंने ममता पर लोगों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया।आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा निष्कासित किए जाने के बाद प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव ने 'स्वराज अभियान' की बुनियाद डाली थी। इस बात की चर्चा हो रही है कि अभियान 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में हिस्सा ले सकता है। लेकिन, भूषण ने फिलहाल इससे इनकार किया है।भूषण ने कहा, "हमने हमेशा कहा है कि स्वराज अभियान गैर राजनैतिक संगठन नहीं है। लेकिन, चुनाव में उतरने से पहले हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम अपने संगठन को लोकतांत्रिक, पारदर्शी और जवाबदेही के मामलों में तय लक्ष्यों तक ले जाएं।"

उन्होंने कहा, "हमारा अभी राजनैतिक पार्टी के गठन का कोई इरादा नहीं है।" उन्होंने कहा कि उनका संगठन लोकतांत्रिक और चुनावी सुधारों के लिए आवाज उठा रहा है। उन्होंने कहा, "ऐसे में जब हम कोई जनांदोलन या राष्ट्रव्यापी अभियान का नेतृत्व करने में सक्षम होंगे, तब ये मुमकिन है कि हम एक राजनैतिक दल बनाएं।"उन्होंने कहा, "अगर हम राजनैतिक दल बनाते हैं तो भी स्वराज अभियान एक गैर चुनावी संगठन बना रहेगा।"भूषण ने कहा कि पूरे देश की तरह बंगाल भी राजनैतिक क्षेत्र में विकल्प की तलाश कर रहा है।उन्होंने कहा, "तृणमूल कांग्रेस ने बदलाव की चाहत रखने वाले लोगों को धोखा दिया है और पूरे देश की तरह वे (बंगाल के लोग) यहां भी वैकल्पिक राजनीति की तरफ देख रहे हैं।"

भूषण ने आम आदमी पार्टी की राजनीति के मैदान में उतरने के लिए आलोचना की। उन्होंने कहा कि चुनाव सुधार जनांदोलन के जरिए सुनिश्चित किए जा सकते हैं।भूषण ने कहा, "यह एक मिथक है कि आपको सत्ता में होने की जरूरत है..कि सुधारों के लिए आपको पार्टी बनाकर चुनाव जीतने होंगे। हम सभी देख सकते हैं कि आज किस तरह से आम आदमी पार्टी भी दूसरी अन्य पार्टियों जैसी बन गई है, वे पार्टियां जो गैरलोकतांत्रिक और गैरजवाबदेह होने के लिए जानी जाती हैं।"जनसभा में शामिल कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के बीच भूषण ने कहा, "जब जनांदोलन होगा, तभी हम लोकतांत्रिक सुधारों और चुनाव सुधारों की अपेक्षा कर सकेंगे।"