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दुराचारी होने से बेहतर पापी होना : पोप फ्रांसिस

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वैटिकन सिटी 30-Jan-2016

पोप फ्रांसिस ने कहा है कि बार-बार पाप करना और क्षमा मांगना स्वीकार्य है, लेकिन भ्रष्ट होना और अपने गुनाह का प्रायश्चित करने की जरूरत न समझना स्वीकार्य नहीं है। पोप ने शुक्रवार को कहा, "कोई व्यक्ति बार-बार गुनाह कर सकता है और हर बार बिना इस संदेह के कि क्षमा मिलेगी या नहीं, ईश्वर से क्षमा मांग सकता है।"उन्होंने कहा, "लेकिन जब कोई भ्रष्ट बन जाता है और उसे लगता है कि प्रायश्चित की कोई जरूरत नहीं है, समस्या तब शुरू होती है।"

पोप ने बाइबिल में वर्णित किंग डेविड का उदाहरण दिया, जिसने युद्ध के मैदान में लड़ रहे एक सैन्य अधिकारी उरिया की पत्नी बथशेबा को गर्भवती कर दिया और युद्ध भूमि में उसकी मौत के बाद डेविड ने अपने व्यभिचार को छिपा लिया।पोप ने कहा, "डेविड की जिंदगी में जो क्षण आया, उससे हम सभी अपने जीवन में गुजर सकते हैं और वह क्षण है पाप से दुराचार की और बढ़ने का।"उन्होंने कहा, "डेविड ने इसी क्षण से दुराचार की ओर पहला कदम बढ़ाया। उसके पास सत्ता और ताकत है। इसलिए हम में से जिसके पास थोड़ी भी ताकत है, चाहे वह धार्मिक हो, आर्थिक या राजनीतिक। हम आसानी से दुराचार का गुनाह कर सकते हैं, क्योंकि शैतान हमें इसका भरोसा दिलाता है, 'मैं यह कर सकता हूं'।"