आईये लोगों के मनों से दीवारें गिरायें और इन्सान को इन्सान के करीब लायें । दीवारें चाहे वे धर्म की हों या जाति मजहबए रंगए नस्ल संस्कृति भाषा की क्यों न हो कभी इन्सान का स्तर ऊंचा नहीं किया । इसलिए मानव को प्रेमए नम्रता सहयोग सहनशीलता एवं शांति का मार्ग अपनाना चाहिए। संत निरंकारी मंडल चंडीगढ ब्रांच के संयोजक श्री मोहिन्द्र सिंह जी ने बताया कि उपरोक्त उद्गार संत निरंकारी मिशन के प्रमुख सद्गुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने नवी मुंबई महाराष्ट्र के 49वें वार्षिक निरंकारी संत समागम के प्रथम दिन खुले सत्र को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए । 3.दिवसीय आध्यात्मिक सन्त समागम नवी मुंबई के खारघर स्थित सिडको मैदान में चल रहा है । इस समागम में भाग लेने हेतु लाखों की संख्या में मिशन के श्रद्धालु एवं अन्य प्रभु प्रेमी भक्त जन समस्त महाराष्ट्र देश के अन्य हिस्सों एवं दूर देशों से पधारे हैं ।
बाबा जी ने फरमाया कि गुरु.पीर.पैगंबरों ने हमेशा ही इन्सान को प्रेम भाईचारा एवं आपसी सहयोग का पाठ पढ़ाया । उन्होंने इन्सान को सत्य के द्वारा एकता के सूत्र में बांधने एवं हर उन कारणों से ऊपर उठने की प्रेरणा दी जिनके कारण मानवता विभाजित होती है । उन्होंने मानव मात्र को उपदेश दिया कि हर मानव शरीर एक जैसे ही पांच तत्वों से बना है और सबमें एक ही ईश्वर अंश आत्मा वास करती है । इन्सान को इसकी पहचान करनी चाहिए और धर्म जातिए नस्ल एवं संस्कृति के आधार पर किसी से घृणा नहीं करनी चाहिए ।सद्गुरु बाबा जी ने आगे कहा कि इन्सान ने उन संतों की शिक्षाओं की कदर नहीं किया न हि उन पर चलने का प्रयास किया । बल्कि उनका विरोध किया और उन पर जुल्म ढाये । बाबा जी ने प्रभु ईसा मसीह का उदाहरण दिया । लोग उनके द्वारा दिये गए सत्य के सन्देश को नहीं समझे । इसीलिए उन्होंने उनका विरोध किया और उन पर जुल्म ढाये।लेकिन बाबा जी ने कहा कि सन्त महापुरुष सत्य मार्ग पर उसी प्रकार अग्रसर होते चले जाते हैं जिस प्रकार बहता हुआ पानी मार्ग में आने वाले चट्टानों एवं अन्य रुकावटों से बेपरवाह आगे बढ़ते हुए लोगों की प्यास बुझाता हैए खेतों में हरियाली प्रदान करता है एवं कितने ही फलदार वृक्षों की सिंचाई करता है ।
बाबा जी ने आगे कहाए ईटों का अपना कोई मजहब नहीं होता परन्तु वही ईंट जब मंदिर में लग जाती है तो हिन्दू हो जाती है और जब वही ईंट मस्जिद में लग जाती है तो मुस्लिम बन जाती है। हम अपने घरों का निर्माण करने के लिए भी इसी ईंट का इस्तेमाल करते हैं और उसी ईंट का इस्तेमाल मानव को मानव से बांटने वाली दीवारों के निर्माण के लिए भी होता है । जो भी होए हमें उन दीवारों को तोड़ना चाहिए । दीवारों ने कभी भी इन्सानों का स्तर ऊंचा नहीं उठाया । एक इन्सान हमेशा ही प्रेम नम्रताए सहयोग एवं सहनशीलता जैसे गुणों से युक्त होकर ही ऊंचाइयों को प्राप्त हुआ है । संसार धन.दौलतों एवं सांसारिक उपलब्धियों के आधार पर इन्सान का स्तर नापता है । लेकिन सन्तों महापुरुषों का यह दृष्टिकोण नहीं होता । वे हमेशा सत्य एवं दैवी प्रकाश के माध्यम से ही जीवन को उत्तम बनाने की प्रेरणा देते हैं । सद्गुरुदेव ने फरमाया कि समागम में आये हुए हर वक्ता ने दीवार रहित संसार एवं मानवता को शांतिपूर्ण तरिकों से जोड़ने की बात कही । यह समागम वास्तव में अनेकता में एकता का एक सुंदर उदाहरण है जहां लोग अपनी जाति मजहब संस्कृति को भूला कर साथ इकट्ठे हुए हैं । ये सब ब्रह्मज्ञान के प्रकाश में जीते हैं एवं दूसरों को यही प्रेरणा देते हैं । यही वास्तव में आज संसार की आवश्यकता है । इस प्रकार उन्होंने इसी सत्य सन्देश को आगे से आगे बढ़ाते जाने का आह्वान किया ।
सेवादल रैली
आज दूसरे दिन समागम का शुभारम्भ रंगारंग सेवादल रैली से हुआ जिसमें हजारों की संख्या में सेवादल के बहन.भाई एवं बाल सेवादल सदस्यों ने भाग लिये जिसमें पीण्टीण्परेड एवं कुछ गेम आदि के अलावा उन्होंने मिशन द्वारा प्रचारित प्रेम एकता दीवारों को तोड़ना एवं पुल बनाना जैसे मानवीय मूल्यों पर आधारित प्रभावशाली सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए । सेवादल बैन्ड स्वयं मे अपनी विशेषता दर्शा रहा था।रैली को आशीर्वाद प्रदान करते हुए निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने कहा जहां दुनिया में इन्सान स्वार्थ से प्रेरित कर्म करता है वहीं सेवादल के ये बहन.भाई समाज को अपनी निस्वार्थ सेवायें प्रदान करते हैं एवं औरों के लिए एक उदाहरण पेश करते हैं और सेवा का यही पहलू महत्वपूर्ण होता है।बाबा जी ने फरमाया कि सेवादल का विस्तार मिशन के विस्तार के साथ साथ ही नहीं हो रहा है बल्कि सेवादल जहां स्थानीय संगतों में अपनी सेवायें प्रदान करता हैं वही बड़े बड़े समागमों में भी अपनी सेवायें प्रदान करता है । कुल मिलाकर ये सेवादल के बहन.भाई देश एवं मानवता की सेवा में सदैव तत्पर रहते हैं ।
प्राकृतिक आपदाओं में पुनर्वास रक्तदान शिविरए वृक्षारोपण एवं स्वच्छता अभियान में सेवादल के योगदान का भी बाबा जी ने जिक्र किया।बाबा जी ने कहा कि हाल ही में दिल्ली में 1 लाख वृक्षारोपण एवं 1 लाख वृक्षारोपण मुंबई में किए गए और देश के विभिन्न रेल्वे स्टेशनों में चलाये गए स्वच्छता अभियान को लोगों ने बहुत प्रभावशाली तरीके से सराहा जिसमें सेवादल के बहन.भाई मिशन के अन्य श्रद्धालुओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा । बाबा जी ने सेवादल बहन.भाईयों को इसी उत्साह अनुशासन एवं समर्पण के साथ मिशन और देश के सेवा में आगे से आगे बढ़ते रहने का आह्वान किया । उन्होंने कहा कि इस तरह के निरूस्वार्थ कार्यों के लिए अपने गृहस्थ की जिम्मेदारियों को निभाते हुए समय निकालना बहुत त्याग का कार्य है ।सेवादल रैली में पधारने के बाद बाबा जी ने एक भव्य सुसज्जित खुले वाहन में खड़े होकर सेवादल रैली का निरीक्षण किया एवं शांति के प्रतीक श्वेत ध्वज फहराया ।इस अवसर पर अपने भाव प्रकट करते हुए संत निरंकारी मंडल के महासचिव एवं सेवादल के मेंबर इंचार्ज श्री वीण्डीण्नागपाल ने कहा कि समस्त सेवादल के बहन भाई पूर्ण मर्यादाए अनुशासन एवं समर्पण भाव से सेवा करते रहते हैं । इसी तरह सेवा करते रहने के लिए उन्होंने सद्गुरु बाबा जी से आशीर्वादों की कामना की ।