राष्ट्रीय राजधानी के प्रगति मैदान में लगे विश्व पुस्तक मेले में मंगलवार को चीन मंडप पर 'द मेन बैटलफील्ड ऑफ द ईस्ट' नामक पुस्तक के सात भाषाओं-चीनी, अंग्रेजी, रूसी, फ्रेंच, स्पेनिश, अरबी व जापानी में उपलब्ध संस्करणों का लोकार्पण हुआ। इस विलक्षण अवसर पर चीन दूतावास के सांस्कृतिक सलाहकार जैंग जीहॉन्ग, चीन प्रकाशन समूह के उपाध्यक्ष ली यन, चाइना नेशनल पब्लिशिंग इम्पोर्ट एंड एक्सपोर्ट कार्पोरेशन की उप-महाप्रबंधक व्यू वी मुख्य वक्ताओं के रूप में उपस्थित थीं। इस वर्ष पुस्तक मेले में अतिथि देश का सम्मान चीन को दिया गया है। पड़ोसी देश अपने 80 से अधिक प्रकाशन गृहों तथा उनके समूह के साथ मेले में भाग ले रहा है।
चीन मंडप में 5000 पुस्तकों की 10,000 से भी अधिक प्रतियां प्रदर्शित की गई हैं। मेले में चीन-भारत सांस्कृतिक संबंध फोटो प्रदर्शनी, प्राचीन चीन में प्रकाशन तथा मुद्रण पर आधारित प्रदर्शनी, चीनी चाय संस्कृति प्रदर्शनी तथा बच्चों के लिए मौलिक चित्रकारी जैसी प्रदर्शनियों के साथ ही, चीन मंडप पर भारत-चीन सांस्कृतिक आदान-प्रदान तथा चीन के प्रकाशन उद्योग तथा उनकी संस्कृति की झलक भी देखी जा सकती है। पुस्तक मेले में विशिष्ट अतिथि देश चीन द्वारा पुस्तक प्रेमियों, लेखकों तथा प्रकाशकों के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें पुस्तक लोकार्पण, संगोष्ठियां व चर्चाएं शामिल हैं।