कलाकार: बिपाशा बसु, इमरान अब्बास नकवी, मुकुल देव
निर्माता: भूषण कुमार दुआ, कृष्ण कुमार दुआ
निर्देशक: विक्रम भट्ट
संगीत: मिथुन, टोनी कक्कड़
क्रिएचर थ्री डी में जो खतरनाक जीव दिखाया गया है, उसे ही इस फिल्म की यूएसपी कहा जा सकता है क्योंकि उस जीव में बनावटीपन नजर नहीं आता। इसके अलावा फिल्म के थ्री इफेक्ट्स भी अच्छे हैं परन्तु कहानी में कोई नयापन नहीं है। फिल्म की रफ्तार भी कई जगह धीमी पड़ जाती है, जो खलती है।
कहानी : अहाना (बिपाशा बसु) हिमाचल के जंगली इलाके में एक होटल की शुरूआत करती है, जिसका मकसद है कपल्स व फैमिलीज् को पहाड़ों के साथ—साथ जंगल का भी मजा देना। होटल की ओपनिंग के दिन ही अहाना के साथ सब कुछ विपरीत होने लगता है परन्तु जैसे—तैसे वो अपने मेहमानों को मैनेज करने में कामयाब हो जाती है। अहाना ने यह होटल बैंक से कर्ज लेकर बनाया है। कहानी में नया मोड़ तब आता है जब होटल का एक हनीमून कपल जंगल में पिकनिक मनाने के लिए निकलता है और थोड़ी ही देर में एक दैत्याकार जीव उनमें से एक को मार डालता है। इसको लेकर जब अहाना फॉरेस्ट पुलिस से मिलती है तो वो यह कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं कि यह किसी जंगली जानवर शेर या चीते का काम है। परन्तु इसके बाद होटल में हत्याओं का सिलसिला शुरू हो जाता है और बाद में पता लगता है कि यह किसी जंगली जानवर का नहीं, किसी दैत्याकार जीव का ही काम है। अब अहाना के पास दो विकल्प है या तो वो सब कुछ छोड़कर मुम्बई वापिस चली जाए या फिर इस दैत्याकार जीव का मुकाबला करे। वो पहले विकल्प को चुनती है और उसमें उसका साथ देने के लिए कुनाल (इमरान अब्बास नकवी) तैयार होता है। अब देखना यह है कि क्या अहाना व कुनाल इस दैत्याकार जीव का मुकाबला कर पाते हैं या फिर ये लोग भी काल का ग्रास बन जाते हैं?
अभिनय : बिपाशा बसु के अभिनय की तारीफ करनी होगी। उन्होंने अपने किरदार को बखूबी निभाया है। नवोदित हीरो इमरान अब्बास को अभिनय में अभी कड़ी मेहनत की आवश्यकता है क्योंकि पूरी फिल्म में उनके चेहरे पर एक ही तरह के भाव नजर आते हैं। मुकुल देव अपने किरदार में शत प्रतिशत जमे हैं। अन्य कलाकारों ने भी अपने—अपने किरदारों को ठीक से निभाया है।
डायरेक्शन : डायरेक्टर विक्रम भट्ट की इस फिल्म में दिखाए गए खतरनाक जीव को बखूबी परदे पर उकेरने के लिए तारीफ करनी होगी।
संगीत : फिल्म की म्यूजिक कर्णप्रिय है। 'सावन आया है' गीत पहले से ही श्रोताओं में हिट है।
निष्कर्ष : फिल्म की कहानी में नयापन का न होना व धीमी रफ्तार इस फिल्म का कमजोर पक्ष है। हां, अगर आप इस फिल्म के खतरनाक जीव को देखना चाहते हो तो यह फिल्म देखी जा सकती है अन्यथा इस फिल्म को देखकर निराशा ही हाथ लगेगी।