दक्षिणी दिल्ली के महरौली इलाके में ट्यूशन कर गुजारा कर रहे उपेंद्र शुक्ला को शनिवार सुबह अपने कमरे में अपनी पत्नी और तीन बच्चों के खून से लथपथ शवों के बीच बैठा पाया गया। उसने अपने महज डेढ़ साल के एक बच्चे का भी गला रेत दिया था। कमरा अंदर से बंद था। सुबह देर तक जब उसका कमरा नहीं खुला, तब उसकी मां ने दरवाजा खटखटाया, मगर कोई जवाब नहीं मिला। तब पड़ोसियों ने दरवाजा तोड़ा। अंदर उपेंद्र शुक्ला अपने हाथ से अपना परिवार खत्म कर बैठा मिला।पुलिस ने कहा कि उपेंद्र ने पत्नी अर्चना और बच्चों इच्छा, रौनक और छोटे मासूम बेटे, जिसका नाम तक नहीं रखा गया था, के गला रेतने के लिए हाथ से घिसाई करने वाली मशीन का इस्तेमाल किया।उपेंद्र जिस घर में रहता है, वह महरौली के वार्ड-दो की एक संकरी गली में है। पुलिस ने कहा कि अपराध करने के बाद उपेंद्र ने फरार होने की कोशिश नहीं की। उसने एक पत्र लिख रखा था, जिसमें उसने लिखा था कि आर्थिक तंगी के कारण वह तनाव में था।पड़ोसियों ने कहा कि जब उन्होंने दरवाजा तोड़ा तो वह शवों को घूर रहा था।कुतुब मीनार मेट्रो स्टेशन के पास इस परिवार का अपना घर है। एक दिन पहले, उपेंद्र हमेशा की तरह पड़ोसी दीपक की दुकान से दूध और बच्चों के लिए बिस्किट ले गया था।महरौली के बाशिदों के लिए चंद दिनों के भीतर स्तब्ध कर देने वाली यह दूसरी घटना है। कुछ ही दिन पहले उपेंद्र के घर के सामने तंजानिया की एक महिला ने केन्या की एक महिला का कत्ल कर दिया था।