आपदा और अन्य आपातकालीन स्थितियों के समय प्रभावी संचार के लिए व संचार नेटवर्क को मजबूत करने के लिए सभी जिला मुख्यालयों के साथ-साथ काजा, पांगी और भरमौर के जनजातीय उप-मण्डलों के लिए राज्य सरकार पंद्रह सैटेलाइट फोन प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज धर्मशाला विधानसभा परिसर में हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पुनर्निर्माण और पुनर्विकास की वेबसाइट http://www.hpsdma.nic.in का शुभारम्भ करते हुए यह बात कही।मुख्यमंत्री ने कहा कि आमतौर पर यह महसूस किया गया है कि भूस्खलन, हिमस्खलन, बर्फ और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान संचार के सामान्य साधन बाधित हो जाते है तथा इस कारण प्राकृतिक आपदा के समय राहत और पुनर्वास के कार्यों में सबसे बड़ी बाधा उत्पन्न होती है। उन्होंने कहा कि यह सैटेलाइट फोन प्राकृतिक आपदा के समय राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए प्रभावी संचार के लिए वरदान सिद्ध होंगे।जय राम ठाकुर ने कहा कि इस वेबसाइट में राहत और पुरर्वास मानदंडों से संबंधित सूचना प्रदान की गई है, जो आम जनता के लिए काफी उपयोगी सिद्ध होगी। वेबसाइट आम जनता के साथ-साथ प्रशासन के लिए भी पूर्ण रूप से जानकारीयुक्त सिद्ध होगी, क्योंकि इसमें राज्य खतरों पर व्यापक जानकारी उपलब्ध है और साथ ही वर्तमान खतरे पर विस्तृत जानकारी जोखिम और विश्लेषण भी उपलब्ध है।प्राधिकरण के अधिकारियों को उनके प्रयासों के लिए बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वेबसाइट पर जाते समय आगंतुकों को सहज अनुभव मिलेगा और यह वैबसाईट आपदा प्रबंधन गतिविधियों और सुरक्षा उपायों पर उन्हें शिक्षित करेगी।
उन्होंने कहा कि इस साइट पर दी गई जानकारी को हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्राधिकरण के विषय को रेखांकित करते हुए आकर्षक चित्र भी शामिल किए गए हैं तथा इसे उपयोगकर्ताओं की सुविधानुसार तैयार किया गया है।अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व मनीषा नंदा ने कहा कि वैबसाइट में राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई नई योजनाओं पर चल रहे कार्यक्रमों जैसे ‘अस्पताल सुरक्षा’, ‘आपदा जोखिम में कमी के लिए स्वयंसेवकों के एक कैडर का निर्माण’, ‘आवश्यक भवनों को सुरक्षित करना’ और पंचायत स्तर पर मिस्त्री, बढ़ई और बार वेंडर्स का प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि वैबसाइट में प्रशिक्षित कर्मियों और संसाधन व्यक्तियों, विशेषज्ञों, मास्टर प्रशिक्षकों के दस्तावेज को रखा गया है ताकि उनकी सेवाओं का उपयोग किया जा सके। उन्होंने कहा कि वेबसाइट की अनूठी विशेषता यह है कि इसे हिंदी भाषा के पाठकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए हिंदी में भी डिजाइन किया गया है।वेबसाइट की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए विशेष सचिव राजस्व डी.सी. राणा ने कहा कि राज्य में आपदा प्रबन्धन में नागरिकों और गैर सरकारी संगठनों के लिए एक अलग व्यवस्था की गई है तथा इसमें आपदा प्रबन्धन के लिए स्वयंसेवी क्षेत्र को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए एक अलग मंच अर्थात अंतर एजेंसी समूह (आईएजी) का सृजन करके इसमें पंजीकरण और प्रवेश की सुविधा के लिए इसे वेबसाइट में एकीकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि वेबसाइट में विभिन्न खतरों से निपटने के लिए सुरक्षा युक्तियां और निर्माण की सुरक्षित प्रथाओं को शामिल किया गया हैं। उन्होंने कहा कि संसाधन सूची में भू-समन्वय के साथ हेलीपैड जिले की सूची, सरकारी कार्यालयों, अधिकारियों की टेलीफोन निर्देशिका आदि शामिल है।परिवहन और वन मंत्री गोविंद ठाकुर, मुख्य सचिव बी.के. अग्रवाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।