भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को फ्रांस के साथ राफेल विमान सौदा मामले में प्रधानमंत्री और सरकार के खिलाफ निर्लज झूठ बोलने के लिए माफी मांगनी चाहिए और कहा कि उन्हें सरकार पर हमला करने के लिए सूचना के स्रोतों के बारे में भी खुलासा करना चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय में मामले की जांच की मांग वाली याचिका के खारिज हो जाने के तत्काल बाद एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि सत्य की जीत हुई और राहुल के झूठ के पैर नहीं हैं। फैसले का संदर्भ देते हुए शाह ने कहा कि अदालत ने विमान की खरीद प्रक्रिया पर संतुष्टि जाहिर की है और मामले में जांच की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि अदालत सरकार की इस दलील से सहमत हुई कि सौदे से देश को वित्तीय रूप से फायदा हुआ। शाह ने कहा, अदालत ने माना कि पड़ोसी देशों की वायुसेना चौथे और पांचवी पीढ़ी के विमानों से लैस है। इसलिए देश के हित में विमानों की खरीद में कोई देरी नहीं होनी चाहिए और इसे रोका नहीं जाना चाहिए।
शाह ने कहा, अदालत ने यह भी कहा कि ऑफसेट पार्टनर के चयन में भारत सरकार की कोई भूमिका नहीं है। यह (फैसला) कांग्रेस नेताओं के मुंह पर तमाचा है। राहुल गांधी द्वार लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार हमला करने पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि राहुल ने खरीद प्रक्रिया को रोकने की कोशिश कर देश की सुरक्षा हितों को हानि पहुंचाई है और सेना के हौसले को गिराया है। उन्होंने पूछा कि राफेल सौदे में राहुल को किसने अभियान चलाने का निर्देश दिया था। राहुल को इस स्रोत का खुलासा करना चाहिए। शाह ने यह भी पूछा कि अगर राहुल के पास भ्रष्टाचार के सबूत थे तो वे सर्वोच्च न्यायालय क्यों नही गए। उन्होंने कहा, आप अदालत जाने से क्यों बचे? आपको वहां जाना चाहिए था। आपकी बी-टीम वहां गई थी। किसने राहुल गांधी को सर्वोच्च न्यायालय जाने और वहां भ्रष्टाचार के सबूत मुहैया कराने से रोका था। शाह ने कहा कि लड़ाकू विमान की खरीद प्रक्रिया 2001 में शुरू हई थी और पूछा कि क्यों संप्रग सरकार ने अपने कार्यकाल में इसे पूरा नहीं किया।भाजपा अध्यक्ष ने कहा, क्या घूस (कमीशन) ने उन्हें रोक रखा था। कांग्रेस सरकार घोटालों में विशेषज्ञ है और यह हास्यास्पद है कि वे मोदी की ईमानदारी पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने सरकार से सरकार सौदे के तहत जेट सौदे के लिए एक पारदर्शी प्रक्रिया को अपनाया। राहुल गांधी द्वारा मोदी को चौकीदार चोर है कहे जाने पर सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि केवल चोर ही एक सतर्क चौकीदार से डरता है।
उन्होंने कहा, लोगों को प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार के बारे में कोई संदेह नहीं है। सौदे की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की कांग्रेस की मांग का संदर्भ देते हुए शाह ने कहा कि पहले मामले की चर्चा संसद में हो जाने दीजिए। उन्होंने कहा, कांग्रेस को संसद आना चाहिए और चर्चा करना चाहिए। हंगामा करना उपाय नहीं है। सरकार चर्चा के लिए तैयार है। यहां तक की जेपीसी गठन को लेकर भी चर्चा करनी पड़ेगी। नहीं तो आप कैसे इसका निर्णय करेंगे? क्या कांग्रेस अध्यक्ष एक समिति गठित करेंगे? हम मैच फिक्सिंग नहीं करते। यह पूछे जाने पर कि कांट्रैक्ट को सार्वजनिक क्षेत्र की एचएएल को देने के बजाए एक निजी कंपनी को क्यों दिया गया, उन्होंने कहा, कोई भी राफेल विमान भारत में नहीं बनेगा, ना निजी कंपनी द्वारा और न ही एचएएल द्वारा। सभी 36 जेट विमानों का निर्माण फ्रांस में होगा। यह पूछे जाने पर कि क्या चुनावों में राहुल के राफेल के विरुद्ध अभियान से भाजपा को नुकसान हुआ, उन्होंने कहा कि चुनावों में हार एक अलग मुद्दा है। हम लाभ या घाटे को लेकर चिंतित नहीं हैं। हम इस बात को लेकर चिंतित हैं कि इससे देश की सुरक्षा को क्या हानि हुई।