नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिर्सच (नाईपर) के नौजवान वैज्ञानिक और फेकल्टी मैंबर साझे तौर पर फार्मास्यूटिकल साईंसिज़ के क्षेत्र में आधुनिकता और ज्ञान में वृद्धि संबंधी साझे कदम जारी रखें और भारत को दुनिया में पहला स्थान दिलाने में अग्रणी भूमिका निभाएं। इन विचारों का प्रगटावा पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर ने नाईपर में नेशनल टैक्नॉलॉजी दिवस संबंधी करवाए गए समागम को संबोधित करते किया। उन्होंने कहा कि यह दिवस सन 1998 में 11 मई को किये पोखरण परमाणु टैस्ट ‘शक्ति’ की याद में मनाया जाता है। इस मौके पर राज्यपाल ने पोखरण (राजस्थान) में किये टैस्टों संबंधी पूर्व प्रधान मंत्री श्री अटल बिहारी वाजपायी की भूमिका को याद करते हुए कहा कि उन परीक्षणों के कारण ही भारत ने टैक्नॉलॉजी के क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल की थी। श्री बदनौर ने कहा कि नाईपर द्वारा फार्मास्यूटिकल टैकनॉलॉजी, इंफर्मेशन टैक्नॉलॉजी, बायोटैकनालोजी और नैनो टैक्नॉलॉजी संबंधी किये साझे प्रयत्नों स्वरूप इस संस्था ने एन.आई.आर.एफ. रैकिंग में पहला स्थान हासिल किया है। उन्होंने कहा कि पुरातन समय में भी टैकनॉलॉजी की भूमिका बहुत अहम रही है। भगवान राम की तरफ से समुद्र पर पुल बनवाऐ जाने और श्री हनुमान की तरफ से संजीवनी बूटी लेकर आने का हवाला देते हुए श्री बदनौर ने कहा कि पुरातन जंगों में भी आधुनिक हथियारों का प्रयोग भी किया गया थी।
बाज़ार में नकली दवाओं की बिक्री संबंधी चिंता ज़ाहिर करते हुए श्री बदनौर ने कहा कि नये वैज्ञानिक ढंगों से इस संबंधी तत्काल जांच होनी चाहिए। उन्होंनेे नाईपर के वैज्ञानिकों, जो कि खोज के क्षेत्र में डट कर काम कर रहे हैं, से अपील की कि वह बाज़ार में नकली दवाओं की बिक्री संबंधी पहचान करके इस पर काबू पाने के लिए नये ढंग -तरीके ढूंढे। इससे पहले नाईपर के डायरैक्टर डा. रघूराम राव ने अपने स्वागती भाषण में सी.आर.आई.के.सी द्वारा विकसित की गई तकनीकों का विस्तृत विवरण दिया। उन्होंने घुटनों के ऑपरेशन संबंधी विशेष यंत्र बनाने, बुज़ुर्गों को चलने में मदद करने वाले साधन और विलक्षण सामथ्र्य वाले लोगों के लिए साधन खोजने के लिए आई.आई.टी. रोपड़ द्वारा खोजों की सराहना की। इस मौके पर पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के उप-कुलपति और इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टैक्नॉलॉजी, मुंबई के प्रो. के. एस. लढ्ढा ने भी अपने विचार साझे किये। इसके उपरांत राज्यपाल ने प्राप्तियां हासिल करने वाले नाईपर के विद्यार्थियों, फेकल्टी सदस्यों और वैज्ञानिकों का सम्मान किया। इस मौके पर ट्रीमल बैलिस्टिक रिर्सच लैबारटरी (टी.बी.आर.एल) के डायरैक्टर स. मनजीत सिंह का विशेष तौर पर सम्मान किया गया। स. मनजीत सिंह उस टीम के मैंबर थे, जिसने वर्ष 1998 में राजस्थान में परमाणु परीक्षण किये थे।