मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने सोमवार को भाजपा सरकार की सोच को ‘मजदूर विरोधी’ बताया और कहा कि इस सरकार ने मजदूरों का शोषण करते हुए हमेशा ही नफा-नुकसान की नीति पर काम किया है। कमलनाथ ने यहां भेल क्षेत्र में इंटक के बैनर तले मजदूरों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “इंदिराजी ने कहा था कि हमें मजदूरों की चिंता है। इसलिए कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण किया गया। इंटक संगठन उन सिद्धांतों और सभ्यता से जुड़ा है, जो मजदूरों के लिए सोचता है। पहले प्रधानमंत्री नेहरूजी ने अंग्रेजों के बनाए कानून में ऐसे संशोधन किए, जिससे मजदूरों के अधिकारों की रक्षा हुई। जब-जब मजदूरों की बात आई तो कांग्रेस पार्टी ही आगे आई।”उन्होंने कहा, “विधानसभा चुनाव की चुनौती हमारे सामने है। आज मजदूर, किसान, युवा, व्यापारी, महिलाएं हर वर्ग परेशान है। नोटबंदी और जीएसटी ने उन्हें तोड़ दिया है। आज सबसे बड़ा प्रश्न हमारे मजदूर भाइयों के भविष्य का है।
नौजवान व्यवसाय का मौका चाहते हैं। महिलाएं सुरक्षा चाहती हैं। यदि सब एकजुट हो जाएं तो कांग्रेस को आने से कोई नहीं रोक सकता।”कांग्रेस महासचिव और प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने कहा कि भाजपा की सरकार आने के बाद देश में रोजगार के अवसर 53 फीसदी खत्म हो गए हैं। नोटबंदी के कारण तीन करोड़ लोग रोजगार से वंचित हो गए हैं। कांट्रेक्ट लेबर नीति के कारण मजदूर को 24 हजार की जगह केवल आठ हजार रुपये ही मिलते हैं। बाकी पैसा कंपनी ठेकेदारों के पास चला जाता है। ये कंपनियां भाजपा नेताओं की ही हैं।नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश के भविष्य का फैसला अब मजदूरों के हाथ में है।मध्यप्रदेश इंटक अध्यक्ष आऱ डी़ त्रिपाठी ने मजदूरों के साथ हो रहे अन्याय के बारे में अपनी बात रखी।इस अवसर पर इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी़ नीलम रेड्डी और छत्तीसगढ़ इंटक अध्यक्ष संजय सिंह सहित कई नेता मौजूद रहे।