कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि उन्हें चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बातचीत के दौरान डोकलाम और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के मुद्दे उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि देश की जनता इन मुद्दों पर उन्हें बात करते सुनना चाहती है।राहुल ने शी के साथ बातचीत के दौरान टेलीविजन पर प्रसारित हुए मोदी के भाषण का जिक्र किया और ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री तनाव में दिख रहे थे।उन्होंने मोदी के दो दिवसीय अनौपचारिक शिखर बैठक को ‘एजेंडाविहीन चीन दौरा’ करार दिया।राहुल ने कहा, “आपके एजेंडाविहीन चीन दौरे को टीवी पर देखा। आप तनाव में दिख रहे हैं! आपको याद दिला दू : 1-डोकलाम, 2-चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा, जो पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर से गुजरता है। वह भारतीय क्षेत्र है। भारत इन महत्वपूर्ण मुद्दों के बारे में आपको बात करते सुनना चाहता है। हम आपका समर्थन करते हैं।”भारत सीपीईसी का विरोध कर चुका है, जो पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर से गुजरता है, जिसे नई दिल्ली अपना क्षेत्र बताता है।इसके पहले कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने अपने श्रृंखलाबद्ध ट्वीट में मोदी सरकार पर हमला किया और चीन को कड़ा संदेश भेजने में असमर्थ रहने का आरोप लगाया।उन्होंने कहा, “जिस तरह मोदीजी ने अपने दोस्त राष्ट्रपति शी जिनपिंग को आज चीन के वुहान में गले लगाया, क्या उसी तरह वह भारत के सामरिक हितों की रक्षा के अपने कर्तव्य व चीन के डोकलाम में कब्जे से भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा पर पड़ने वाले असर को लेकर चीन से सवाल करेंगे?
”उन्होंने कहा, “डोकलाम के दक्षिण में एक नए सड़क के निर्माण से भारत सिलीगुड़ी गलियारे में चीन के आक्रामक व तेजी से बढ़ रही घुसपैठ का सामना कर रहा है, लेकिन मोदी सरकार चीन को एक सख्त संदेश देने में क्यों असमर्थ है।”सुरजेवाला ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के चीन दौरे का भी जिक्र किया और सवाल किया कि क्या मोदी यह स्वीकार करेंगे कि उन्होंने (मंत्रियों) डोकलाम मुद्दे को नहीं उठाकर अपना कर्तव्य नहीं निभाया है।सुरजेवाला ने कहा, “क्या प्रधानमंत्री अपने कैबिनेट मंत्रियों (रक्षा व विदेश मंत्री) के भारतीय सेना चौकी से 10 मीटर की दूरी पर डोकलाम में चीन द्वारा ‘पूर्ण रूप से विकसित चीनी सैन्य परिसर’ को लेकर विरोध करने में विफलता को स्वीकार करेंगे। इस 20 से 24 अप्रैल के दौरे के दौरान मंत्रियों ने राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य को नहीं निभाया है।”उन्होंने यह भी कहा कि हाल के चित्रों से पता चलता है कि चीन डोकलाम में अपने सैन्य परिसर में अतिरिक्त संरचनाओं का निर्माण कर रहा है।उन्होंने कहा, “क्या प्रधानमंत्री मोदी इस मुद्दे को चीन के राष्ट्रपति के साथ आज वुहान में शिखर बैठक में उठाएंगे? मोदीजी अपने वादे के अनुसार अपनी नाराजगी जताने में समर्थ नहीं हो सकते, लेकिन क्या वह डोकलाम पर सीधे तौर पर बोलने व भारत के हितों की रक्षा करने का साहस दिखाएंगे।”मोदी व शी की शुक्रवार से दो दिवसीय अनौपचारिक वार्ता चीन के वुहान शहर में हुई।इसके बाद दोनों नेता अपने प्रतिनिधिमंडलों के साथ एक अन्य वार्ता करेंगे। इसके बाद चीनी राष्ट्रपति रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे।