यहां जारी राष्ट्रमंडल खेल में भारत की दिग्गज महिला मुक्केबाज मैरी कॉम ने सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया है और उनका पदक पक्का हो गया है। जबकि, विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाले विकास कृष्ण ने भी देश की पदक की उम्मीदों को जिंदा रखा है। दोनों ने राष्ट्रमंडल खेल के चौथे दिन अपने-अपने वर्ग में मुकाबले जीतते हुए अगले दौर में जगह बना ली है। अभी तक राष्ट्रमंडल खेलों में पदक से अछूती रहीं मैरी कॉम ने महिलाओं की 48 किलोग्राम भारवर्ग में रविवार को स्कॉटलैंड की मेगन गोर्डन को आसानी से 5-0 से मात देते हुए सेमीफाइनल में जगह बना ली। इस जीत के साथ उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में अपना पहला पदक पक्का कर लिया है। मैरी कॉम अगर सेमीफाइनल में हार भी जाती हैं तो वह कांस्य पदक जीतने में सफल रहेंगी। पांच बार की विश्व विजेता के लिए यह मैच एकतरफा रहा। मैरी कॉम शुरू से ही अपनी प्रतिद्वंद्वी पर हावी रहीं। वहीं विकास को अगले दौर में पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी। विकास ने आस्ट्रेलिया के कैम्पबेल सोमेरविले को 5-0 से हराकर क्वार्टरफाइनल में प्रवेश किया। विकास और सोमेरविले के बीच हुआ यह मुकाबला रोमांचक था। दोनों मुक्केबाजों ने एक-दूसरे को अच्छी टक्कर दी।
हालांकि, भारतीय मुक्केबाज ने अपना दबदबा बनाए रखा।हरियाणा के निवासी विकास ने 2010 में राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता था और ऐसे में वह एक बार फिर सोना जीतने के लिए प्रतिबद्ध दिख रहे हैं। भारत को हालांकि माहिलाओं के 69 किलोग्राम भारवर्ग में निराशा हाथ लगी जहां लवलिना बोरोगेहेन क्वार्टर फाइनल में हार कर बाहर हो गईं। लवलिना को इंग्लैंड की सैंडी रयान ने 3-2 से मात दी। मुकाबला लगभाग बराबरी का रहा। पहले राउंड की शुरुआत में लवलिना हावी रहीं, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने अपनी पकड़ छोड़ दी। रयान ने रक्षात्मक तरीका अपनाया और लवलिना के पंचों को अपने शरीर से दूर रखा। दूसरे राउंड में लवलिना बैकफुट पर रहीं और आक्रामक से रक्षात्मक अंदाज में दिखीं। वहीं रयान ने उन्हें बैकफुट पर रखा और अच्छे जैब और हुक का इस्तेमाल किया। तीसरे राउंड में दोनों आक्रामक दिखीं, लेकिन कुल मिलाकर रयान भारतीय खिलाड़ी पर हावी रहीं।